बोकारो: चंदनकियारी प्रखंड के बाबूगांव के छाताटांड़ बस्ती और नयावन गांव में बीते एक सप्ताह से चल रहे डायरिया के प्रकोप के बाद एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है.
डायरिया का प्रकोप
इससे पहले मेडिकल पदाधिकारी डायरिया को साधारण बताकर टाल मटोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया, पर एक की मौत के बाद शनिवार सुबह से गांव में कैंप किया गया. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है. जानकारी के अनुसार चंदनकियारी के छाताटांड़ गांव में बीते एक सप्ताह से डायरिया का प्रकोप चल रहा है.
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बच्चे ने रास्ते में ही तोड़ा दम
जहां ग्रामीण निजी स्तर पर इलाज करा रहे हैं. इसी कड़ी में चार वर्षीय सूरज माहतो को अचानक डायरिया ने अपनी चपेट में ले लिया. परिजनों ने तुरंत डायरिया की आशंका जताते हुए 108 आपातकालीन एम्बुलेंस से चंदनकियारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां से डॉक्टरों ने उसे बोकारो जेनरल अस्पताल में कर दिया, लेकिन बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
मेडिकल कैंप लगाई गई
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में डायरिया की सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दी गई थी, पर किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. यदि मेडिकल टीम इसे गंभीरता से लेती तो बच्चे की जान नहीं जाती. इधर जिला से एक मेडिकल टीम डॉ अशोक कुमार पाठक सिविल सर्जन के नेतृत्व में छाताटांड़ गांव पंहुचकर एक-एक घर का जायजा लिया. साथ ही पीड़ित परिवारों की स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवा दी.
6 लोगों में पाए गए लक्षण
डॉ अशोक कुमार पाठक ने कहा कि गांव में स्थिति अब सामान्य है. 6 लोगों में लक्षण पाए गए हैं. जिन्हें दवा दी गई है. वहीं चार लोगों को बेहतर इलाज के लिए बोकारो जनरल हॉस्पिटल भेज दिया गया है.
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मंत्री अमर कुमार बाउरी ने गांव का किया दौरा
वहीं, घटना की सूचना पाकर मंत्री अमर कुमार बाउरी ने गांव का दौरा किया. मंत्री ने मृत बच्चे के परिजनों से मुलाकात की. मंत्री ने कहा कि पहले ही जिला प्रशासन को गांव में कैंप करने का निर्देश दिया था. 2 दिन के अंदर हालात सुधर जाएंगे. यहां पर 24 घंटा डॉक्टर का कैंप लगा रहेगा. मृतक के पिता संतोष महतो ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि यदि पहले से गांव में मेडिकल कैंप किया होता तो उसका इकलौता बेटा बच सकता था.