बोकारो: जिले में एक चापाकल को गले तक गाड़ दिया गया था. जिसके बाद यह रोड पर आ गया और ऐसा बर्बाद हुआ कि खुद गले तक गड़ गया. अपने टोटी में एक एक बूंद पानी को तरस गया. सिस्टम की ये शर्मनाक कहानी बोकारो के कसमार प्रखंड के खुदी बेड़ा गांव की है.
यहां सड़क पर एक चापाकल था जो अपनी प्यास के साथ-साथ लोगों की प्यास बुझाता था. पास के स्कूल के बच्चे भी इससे पानी पीते थे. उनके स्कूल का मध्यान भोजन भी इसी चापाकल से बनता था, लेकिन एक दिन विकास की धुन में जनप्रतिनिधि ऐसा रमे की चापाकल को सड़क पर ला छोड़ा. इस चापाकल पर जनप्रतिनिधियों की ऐसी बुरी नजर लगी की चापाकल को सड़क के बीचो-बीच गले तक गाड़ दिया गया.
खुदी बेड़ा प्राथमिक स्कूल के पास इस हैंडपंप को जिस सड़क के बीचोबीच गाड़ा गया उसी जगह गोमिया के विधायक बबीता देवी और तत्कालीन सांसद रविंद्र पांडे के उद्घाटन का शिलापट्ट लगा. बड़े धूमधाम से सड़क का उद्घाटन हुआ, लेकिन सड़क के बीचो-बीच खड़ी हैंडपंप पर किसी की नजर नहीं गई और यह हैंडपंप अकाल मौत के लिए विवश हो गया.
सड़क के बीचो-बीच गले तक हैंडपंप को गाड़ देने वाली सिस्टम की इस शर्मनाक खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इस बाबत जिले के उपायुक्त कृपानंद झा के संज्ञान में भी मामले को लाया था. जिसके बाद सिस्टम हरकत में आई है और अब बीच सड़क से हैंडपंप को उखाड़कर सड़क के किनारे गाड़ा जा रहा है. सड़क के किनारे अब 200 डीप बोरिंग कराई जा रही है. जिससे यहां के पचासों परिवार में खुशी की लहर है. स्कूल में भी पढ़ने वाले बच्चे भी खुश हैं. ग्रामीण ईटीवी भारत की सरकारी पहल का स्वागत कर रहे हैं.