रांची: वित्तीय वर्ष 2021-22 का समापन होने में महज 2 महीने शेष हैं. ऐसे में झारखंड सरकार के हर विभाग में आपाधापी मची हुई है. सबसे ज्यादा हलचल राजस्व संग्रह करने वाले विभाग में है. जहां सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह पर ध्यान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बीते सोमवार यानी 31 जनवरी को विभागीय समीक्षा के दौरान राजस्व संग्रह में तेजी लाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं. राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व उत्पाद और वाणिज्यकर से प्राप्त होता है. संभावना यह जताई जा रही है कि दोनों विभाग इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के मुकाबले कहीं ज्यादा राजस्व संग्रह करने में सफल होगा.
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वाणिज्यकर विभाग लक्ष्य के करीब: कोरोना के कहर के बावजूद वाणिज्यकर विभाग राजस्व संग्रह करने में सफल होता दिख रहा है. जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में अपने निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध विभाग ने 90% कर संग्रहण कर लिया है. विभाग द्वारा बताया गया कि इस कार्य हेतु रेवेन्यू एनालिसिस इंटेलिजेंस विंग का गठन किया गया है. जिसके माध्यम से पूरे राज्य के कर दाताओं का सेक्टरल एनालिसिस किया जा रहा है और कर की चोरी करने वाले व्यवसायियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है. इसका कर संग्रहण पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अभी 2 महीने बाकी हैं, पूरी संभावना है कि विभाग लक्ष्य से अधिक कर संग्रहण कर लेगा. विभाग को 2021-22 में 18422.93 करोड़ रुपये राशि के कर संग्रहण का लक्ष्य है, जिसके विरुद्ध 16611.80 करोड़ रुपये राशि अब तक संग्रह कर लिया गया है.