नई दिल्ली: सालाना 1,500 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश यानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन एक डॉलर के निवेश से एशिया-प्रशांत क्षेत्र को सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक हासिल करने में मदद मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र ने एक सर्वेक्षण में यह बात कही.
सर्वेक्षण में पाया गया है कि यह कई देशों की राजकोषीय क्षमता और निजी निवेश का लाभ उठाने की गुंजाइश को देखते हुए संभव लगता है. यह सर्वेक्षण संयुक्त राष्ट्र यूएन के एशिया एवं प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) ने जारी किया है.
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इसका शीर्षक है "वृद्धि से परे महात्वाकांक्षा: सर्वेक्षण 2019". रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज आर्थिक वृद्धि के बावजूद, बहुत से लोगों को जीवन में समुचित अवसर नहीं मिल पा रहे हैं. पर्यावरण की स्थिति संकट के कगार पर पहुंच गयी है और इससे स्वस्थ्य विकास के लिए खतरा है.
यूएनईएससीएपी की कार्यकारी सचिव अरमिडा सिलसियाह ने कहा, 'हमें अपनी महात्वाकांक्षाओं को आर्थिक वृद्धि से आगे बढ़ाना होगा. 2030 का एजेंडा और उसके 17 सतत विकास लक्ष्य हमारी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट खाका देते हैं. यह मानसिकता और आर्थिक दर्शन में ऐसे बदलाव का आह्वान करता हैं जिसमें जनता और धरती को पहले रखा जाता है.'