धनबाद: कोरोना संक्रमण को जल्द से जल्द खत्म करने के उद्देश्य से धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड कार्यालय सभागार में उपायुक्त उमा शंकर सिंह के साथ वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई. जिसमें सहियाओं ने बैठने की जगह नहीं मिलने के कारण जमकर हंगामा किया. सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिए गए नियमों की भी जमकर अनदेखी की गई.
मीटिंग में अव्यवस्था देख उपायुक्त ने नाराजगी जताते हुए बीडीओ को फटकार लगाई और भीड़ कम करने का तुरंत निर्देश दिया. हालांकि उपायुक्त की नाराजगी को देखते हुए ब्लॉक कर्मी रेस हुए और भीड़ कम करने के लिए सहियाओं को मीटिंग से बाहर कर दिया गया. वैसे भी सभी महिलाओं के लिए बैठने की भी व्यवस्था नहीं की गई थी.
बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना को किस तरह से खत्म किया जा सकता है, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ वर्कर के रूप में काम करने वाली आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को उपायुक्त के साथ वर्चुअल मीटिंग के लिए गोविंदपुर प्रखंड सभागार में बुलाया गया था लेकिन अव्यवस्था के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई. इस बैठक में मौजूद नेप डायरेक्टर इंदु रानी, बीडीओ संतोष कुमार और सीओ वंदना भारती को इसकी प्रवाह नहीं थी.
ये भी देखें- झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, कोरोना रोकथाम को लेकर पुख्ता इंतजाम
जैसे ही बीडीओ को उपायुक्त की फटकार मिली सभी लोग हरकत में आए और भीड़ खत्म करने के लिए सहियाओं को बैठक से बाहर निकाल दिया. जिससे वो नाराज होकर हंगामा करने लगी. उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार पर बार-बार अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगा डाला. वहीं NEP निदेशक इंदु रानी ने बताया कि कोरोना को लेकर ग्रामीण क्ष्रेत्र में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाया जाए. इसको लेकर सेविका, सहायिका और पीडीएस डीलर को उपायुक्त के निर्देश पर यहां बुलाय गया है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने में थोड़ी परेशानी हो रही है.