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MGM में अधिकारियों को मिलता है बोतल बंद पानी, मरीजों के लिए गंदे पानी की है व्यवस्था - एमजीएम अस्पताल

पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय और कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में अधिकारियों बोतल बंद पानी मिलता है. जबकि यहां आम लोगों के लिए गंदे पानी की व्यवस्था है. एक ओर अधिकारी मरीजों को स्वच्छ रहने और दूषित पानी न पीने की सलाह देते हैं, लेकिन उनके ही कार्यालय की व्यवस्था पर उनका कोई ध्यान नहीं है. कार्यालय में पानी की व्यवस्था चौंकाने वाला है. उपायुक्त कार्यालय में 11 में से 9 टंकियां बिना ढक्कन के मिली. एमजीएम अस्पताल के हड्डी विभाग की छत पर पांच टंकियों के ढक्कन नहीं मिले.

जानकारी देते एमजीएम उपाधीक्षक
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Published : Jun 17, 2019, 1:29 PM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय और कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में अधिकारियों को बोतल बंद पानी मिलता है जबकि आम लोगों के लिए गंदा पानी पीने की व्यवस्था है. सरकारी कार्यलयों में लगी पानी की टंकियों में ढक्कन और नियमित सफाई न होने से पानी में गंदगी और काई जमा हो गई है.

जानकारी देते एमजीएम उपाधीक्षक


इन्हीं टंकियों का पानी कार्यालय में आनेवाले फरियादी मरीज और कर्मचारी पी रहे हैं. एक ओर अधिकारी लोगों को स्वच्छ रहने और दूषित पानी न पीने की सलाह देते हैं, लेकिन अपने ही कार्यालय की व्यवस्था पर उनका कोई ध्यान नहीं है. कार्यालय में पानी की व्यवस्था चौंकाने वाली है. उपायुक्त कार्यालय में 11 में से 9 टंकियां बिना ढक्कन के मिली. एमजीएम अस्पताल के हड्डी विभाग की छत पर पांच टंकियों के ढक्कन नहीं मिले.


कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में आए मरीज काई लगा पानी पी रहे हैं. बता दें कि एमजीएम अस्पताल के ओपीडी में हर दिन हजारों मरीज आते हैं. मरीज यही पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. कुछ महीनों से यहां भर्ती हुए मरीज के परिजनों ने बताया कि पानी स्वाद से ही गंदा लगता है. इस लिए वह दिन भर में पांच से अधिक बोतल पानी खरीदकर लाते हैं. एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया पानी के लिए जूस्को के द्वारा व्यवस्था की गई है, इसके साथ ही डीप बोरिंग की व्यस्था भी है. मेडिसिन विभाग के ऊपर बनी टंकी को कुछ दिन पहले ही बनाया गया है. लेकिन आंधी के कारण टंकी की ढक्कन उड़ गया.

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय और कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में अधिकारियों को बोतल बंद पानी मिलता है जबकि आम लोगों के लिए गंदा पानी पीने की व्यवस्था है. सरकारी कार्यलयों में लगी पानी की टंकियों में ढक्कन और नियमित सफाई न होने से पानी में गंदगी और काई जमा हो गई है.

जानकारी देते एमजीएम उपाधीक्षक


इन्हीं टंकियों का पानी कार्यालय में आनेवाले फरियादी मरीज और कर्मचारी पी रहे हैं. एक ओर अधिकारी लोगों को स्वच्छ रहने और दूषित पानी न पीने की सलाह देते हैं, लेकिन अपने ही कार्यालय की व्यवस्था पर उनका कोई ध्यान नहीं है. कार्यालय में पानी की व्यवस्था चौंकाने वाली है. उपायुक्त कार्यालय में 11 में से 9 टंकियां बिना ढक्कन के मिली. एमजीएम अस्पताल के हड्डी विभाग की छत पर पांच टंकियों के ढक्कन नहीं मिले.


कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में आए मरीज काई लगा पानी पी रहे हैं. बता दें कि एमजीएम अस्पताल के ओपीडी में हर दिन हजारों मरीज आते हैं. मरीज यही पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. कुछ महीनों से यहां भर्ती हुए मरीज के परिजनों ने बताया कि पानी स्वाद से ही गंदा लगता है. इस लिए वह दिन भर में पांच से अधिक बोतल पानी खरीदकर लाते हैं. एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया पानी के लिए जूस्को के द्वारा व्यवस्था की गई है, इसके साथ ही डीप बोरिंग की व्यस्था भी है. मेडिसिन विभाग के ऊपर बनी टंकी को कुछ दिन पहले ही बनाया गया है. लेकिन आंधी के कारण टंकी की ढक्कन उड़ गया.

Intro:एंकर--आर्थिक नगरी लौहनगरी के सरकारी कार्यलयों में लगी पानी की टंकियों में ढक्कन और नियमित सफाई न होने से पानी में बाहर की गंदगी और काई जमा हो गई है। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कार्यलय और शहर के एमजीएम अस्पताल का रियलिटी चेक।पेश है एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कार्यालय और कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल के अधिकारी खुद पीते हैं। बोतलबंद पानी,पर आवेदन लेकर आने वाले आम लोगों के लिए और मरीजों के लिए गंदा पानी पीने की व्यस्था है। इन्हीं टंकियों का पानी कार्यालय में आने वाले फरियादी मरीज और कर्मचारी पी रहे हैं। जहाँ एक और अधिकारी लोगों को साफ-स्वच्छ रहने और दूषित पानी न पीने की सलाह देते हैं.लेकिन अपने ही कार्यालय की व्यवस्था पर उनका कोई ध्यान नहीं है. कार्यालय में पानी की व्यवस्था देखी तो चौंकाने वाले तथ्य मिले उपायुक्त कार्यालय में 11 में से 9 टंकियाँ बिना ढक्कन के मिले.एमजीएम अस्पताल के हड्डी विभाग के छत पर पाँच टंकियों के ढक्कन नहीं मिले. कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में आए हुए मरीज काई लगा पानी पी रहे हैं.आपको बता दें कि एमजीएम अस्पताल के ओपीडी में हर दिन हज़ारों मरीज आते हैं।अस्पताल में आने वाली पानी को यहाँ के मरीज नहीं पीते हैँ. बाहर की दुकान से पीने के लिए पानी खरीदकर लाते हैं.कुछ महीनों से यहाँ भर्ती हुए मरीज के परिजनों ने बताया पानी पीने में अजीब सा लगता है.दिन भर में पाँच से अधिक बोतल पानी खरीद के लाकर पीते हैं। साफ सफाई की उत्तम व्यस्था ना होने के कारण पानी बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है।पानी पिने से दवा जैसा गंध लगता है।
बाइट--मरीज परिजन
बाइट--मरीज परिजन
बाइट--मरीज परिजन
वीओ2--एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया पानी के लिए जूस्को के द्वारा व्यस्था की गई है.एवं इसके साथ ही डीप बोरिंग की व्यस्था भी है.मेडिसिन विभाग के ऊपर बनी टंकी को कुछ दिन पूर्व ही बना दिया गया है.आंधियों के आने की वजह से टंकी का ढक्कन उड़ गया था.
बाइट--डॉक्टर नकुल चौधरी(एमजीएम उपाधीक्षक)



Conclusion:बहरहाल जल ही जीवन है.पीने योग्य पानी ही मानव पी सकते हैं।लौहनगरी के सरकारी बाबुओं के कार्यालय में साफ पानी पीने की कोई व्यस्था ही नहीं है।अब देखना ये है कि किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं.यहाँ के सरकारी बाबू।
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