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शहीद विजय सोरेंग के परिवार के एक सदस्य को नौकरी, 10 लाख रुपये देने का भी ऐलान

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए सभी जवान को लेकर सीएम रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया है. गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है.

जानकारी देते सीएम
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Published : Feb 15, 2019, 1:09 PM IST

गुमला: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए सभी जवान को लेकर सीएम रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया है. गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है.

जानकारी देते सीएम
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जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. झारखंड सरकार ने शहीद के परिजनों को 10 लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है.


फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने की इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है..

गुमला: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए सभी जवान को लेकर सीएम रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया है. गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है.

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जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. झारखंड सरकार ने शहीद के परिजनों को 10 लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है.


फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने की इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है..

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रांची: डाकिया डाक लाया की आवाज अब शहर की गलियों में सुनाई नहीं देती हैं. लेकिन खास जगहों पर आज भी चिट्ठियां पहुंचती हैं जो बेहद खास होती हैं. पुलिस महकमे में पहुंचने वाली कई चिट्ठियां क्राइम कंट्रोल में मददगार साबित हो रही हैं. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता को इन दिनों लगातार गुमनाम चिट्ठियां भेजी जा रही हैं. अंतर्देशीय पत्र और पोस्ट कार्ड के जरिए लोग अपने संदेश पुलिस तक पहुंचा रहे हैं.



रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार गुमनाम चिट्ठियां कई बार उनके बड़े काम की निकलती है. इन खतों के माध्यम से मिलने वाली सूचनाएं ना केवल अपराध नियंत्रण में मददगार साबित हो रही हैं, बल्कि पुलिस को अगाह भी करती हैं. अवैध जुए और शराब के अड्डे के साथ-साथ अपराधियों और नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी भी इन चिट्ठियों के माध्यम से मिलते रहते हैं. 



रांची एसपी के अनुसार हाल में कुछ बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी भी गुमनाम खतों के वजह से हुई है. वहीं, गुमनाम चिट्ठी तहकीकात के बाद राजधानी रांची में ब्राउन शुगर से लेकर अफीम तक के कारोबारी पकड़े गए.



चिट्ठी के जरिए सूचना देते हैं मुखबिर

रांची पुलिस के कई मुखबिर भी रांची एसपी फोन और मैसेज के जरिए नहीं बल्कि चिट्ठी के जरिए सूचना देते हैं. इन चिट्ठियों में गुप्तचर अपनी पहचान छिपाते हुए, सारी जानकारी पुलिस तक पहुंचा देते हैं. उनके कुछ कोड वर्ड होते हैं जिन्हें पुलिस के अधिकारी समझ जाते हैं, उसी आधार पर आगे कार्रवाई की जाती है. कुछ सूचना देने वाले ऐसे भी हैं जो दूरदराज के रहने वाले हैं उनके पास स्मार्टफोन नहीं होता है.



ग्रामीण इलाकों से आती है ज्यादा चिट्ठियां

राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों से इन दिनों रांची एसएसपी के पास ज्यादा चिट्ठियां आ रही हैं. उन इलाकों में नक्सल और अपराधिक गतिविधियों के साथ जमीन माफियाओं की सूचना एसएसपी तक पहुंच रही है.



कई ने नाम पता लिख कर मांगा इंसाफ

रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार कई लोग अपने नाम और पते के साथ भी चिट्ठी भेजते हैं. ये वैसे लोग होते हैं जो दूरदराज इलाकों में रहते हैं और वहां के स्थानीय थाने से उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा होता. वैसे लोगों को उम्मीद होती है कि वरीय अधिकारियों को सूचना देने के बाद उनकी परेशानी दूर होगी.



गलत सूचना भी आती है

रांची एसएसपी के अनुसार कभी-कभार चिट्ठियों के जरिए गलत सूचनाएं भी पुलिस तक पहुंचाई जाती हैं, कई बार उन्हें भ्रमित भी किया जाता है. लेकिन पुलिस किसी भी चिट्ठी की पूरी तरह से जांच किए बिना किसी पर कार्रवाई नहीं करती.


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