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प्रोफेसर जीतराय हांसदा के समर्थन में उतरा आदिवासी समाज, रिहा करने की कर हैं मांग - जमशेदपुर पुलिस

प्रोफेसर जीतराय हांसदा के समर्थन में अब आदिवासी समाज भी उतर गया है. इस मामले को लेकर मंगलवार को झारखंड प्रदेश गांव गनराज्य परिषद के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने उपायुक्त और एसएसपी को ज्ञापन देकर विरोध प्रकट किया. ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि प्रोफेसर जीतराय हांसदा जून 2017 में अपने फेसबुक अकाउंट पर देशभर में प्रतिबंधित मांस पर हो रहे हमले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति का हवाला देते हुए आदिवासी संताली में प्रतिबंधित मांस खाने की परंपरा और बलि प्रथा का जिक्र किया था.

जानकारी देते सीआर मांझी
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Published : May 28, 2019, 3:05 PM IST

जमशेदपुर: प्रतिबंधित मांस से संबंधित 2 साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार प्रोफेसर जीतराय हांसदा के समर्थन में अब आदिवासी समाज भी उतर गया है. इस मामले को लेकर मंगलवार को झारखंड प्रदेश गांव गनराज्य परिषद के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने उपायुक्त और एसएसपी को ज्ञापन देकर विरोध प्रकट किया.

जानकारी देते सीआर मांझी


ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि प्रोफेसर जीतराय हांसदा जून 2017 में अपने फेसबुक अकाउंट पर देशभर में प्रतिबंधित मांस पर हो रहे हमले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति का हवाला देते हुए आदिवासी संताली में प्रतिबंधित मांस खाने की परंपरा और बलि प्रथा का जिक्र किया था. उसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 29 महीना पहले साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 29 महीने के बाद जीतराय की गिरफ्तारी समझ से पड़े है.


जीतराय हांसदा का कहना है कि फेसबुक पोस्ट को हटा दिया गया था फिर भी उनकी गिरफ्तारी की गई. ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि जीतराय को जल्द से जल्द छोड़ा जाए और उनके ऊपर लगे कानूनी धारा को समाप्त किया जाए. को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर नाटककार जीतराय हासदा को जमशेदपुर के साकची पुलिस के द्वारा फेसबुक में प्रतिबंधित मांस संबधित पोस्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

जमशेदपुर: प्रतिबंधित मांस से संबंधित 2 साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार प्रोफेसर जीतराय हांसदा के समर्थन में अब आदिवासी समाज भी उतर गया है. इस मामले को लेकर मंगलवार को झारखंड प्रदेश गांव गनराज्य परिषद के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने उपायुक्त और एसएसपी को ज्ञापन देकर विरोध प्रकट किया.

जानकारी देते सीआर मांझी


ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि प्रोफेसर जीतराय हांसदा जून 2017 में अपने फेसबुक अकाउंट पर देशभर में प्रतिबंधित मांस पर हो रहे हमले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति का हवाला देते हुए आदिवासी संताली में प्रतिबंधित मांस खाने की परंपरा और बलि प्रथा का जिक्र किया था. उसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 29 महीना पहले साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 29 महीने के बाद जीतराय की गिरफ्तारी समझ से पड़े है.


जीतराय हांसदा का कहना है कि फेसबुक पोस्ट को हटा दिया गया था फिर भी उनकी गिरफ्तारी की गई. ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि जीतराय को जल्द से जल्द छोड़ा जाए और उनके ऊपर लगे कानूनी धारा को समाप्त किया जाए. को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर नाटककार जीतराय हासदा को जमशेदपुर के साकची पुलिस के द्वारा फेसबुक में प्रतिबंधित मांस संबधित पोस्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

Intro:जमशेदपुर । बीफ से संबंधित 2 साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए जमशेदपुर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर जीत राय हालता के समर्थन में अब आदिवासी समाज भी उतर गया है वहीं इस मामले को लेकर मंगलवार को झारखंड प्रदेश गांव गन राज्य परिषद के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने उपायुक्त और एसएसपी को ज्ञापन देकर विरोध प्रकट किया।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि प्रोफेसर जीत राय हाल्दाने विगत जून 2000 में अपने फेसबुक अकाउंट पर देशभर में प्रतिबंधित मांस पर हो रहे हमले की आलोचना की थी ।उन्होंने कहा कि आदिवासी संथाल परंपरा एवं संस्कृति का हवाला देते हुए आदिवासी संताली में प्रतिबंधित मांस खाने की परंपरा एवं बलि प्रथा का जिक्र किया था। उसके विरोध में भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 153 ए 295a 505 के तहत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 29 महीना के पहले साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी ।और 29 महीने के बाद जीत राय की गिरफ्तारी समझ से पङे है।
यह गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की आजादी पर आ कहीं किसी को पाने के लिए नहीं किया गया जबकि जीतराय हासदा का कहना है कि फेसबुक पोस्ट को हटा दिया गया था फिर भी उनकी गिरफ्तारी की गई।



Body:ज्ञापन के माध्यम से माग की गई है कि जीतराय को जल्द से जल्द छोङा जाए।और उनके उपर लगे कानूनी धारा को समाप्त किया जाए।
उल्लेखनीय है कि कोऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर नाटककार जीत राय हासदा को जमशेदपुर के साकची पुलिस के द्वारा फेस बुक में बीफ संबधित पोस्ट के मामले मे गिरफ्तार किया था।


Conclusion:बब
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