रांची: जुगसलाई से आजसू विधायक रामचंद्र सहिस रघुवर मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. 13 जून की शाम 5 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें बतौर मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर मंत्री रामचंद्र सहिस से ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने बातचीत की.
रामचंद्र सहिस ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस मुकाम पर पहुंचेंगे. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह धैर्य के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे. उन्होंने कहा कि 'इसी का नतीजा है कि आज मेरे जीवन में टर्निंग प्वाइंट के रूप में यह घड़ी आई है' उन्होंने कहा कि वह अपने दायित्वों और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे. जाहिर सी बात है कि इसी साल दिसंबर में नई सरकार का गठन होना है. उससे पहले चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लिहाजा रामचंद्र सहिस के पास एक मंत्री के रूप में काम करने के लिए बहुत कम वक्त है.
मंत्री जी से जब कम समयकाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह यह सोचकर नहीं चल रहे हैं कि उनके पास काम करने के लिए कम समय है. उनकी कोशिश होगी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास उन्हें जो भी काम देंगे उसे वह निष्ठा के साथ पूरा करेंगे. मंत्री रामचंद्र सहिस ने आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो और पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रति आभार जताया. पोर्टफोलियो के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी तरफ से किसी विशेष पोर्टफोलियो की मांग भी नहीं रखी गई है. मंत्री रामचंद्र सहित ने कहा कि साल 2009 के चुनाव में भी जुगसलाई की जनता ने उन पर विश्वास जताते हुए विधानसभा तक पहुंचाया था. फिर 2014 में भी क्षेत्र की जनता ने विश्वास को बनाए रखा.
रघुवर कैबिनेट में दो रामचंद्र
मुख्यमंत्री रघुवर दास के मंत्रिमंडल में पहले एक रामचंद्र थे, जिनका पूरा नाम है रामचंद्र चंद्रवंशी. वह स्वास्थ्य मंत्री हैं. अब उनके कैबिनेट में दूसरे रामचंद्र आ गए हैं. लिहाजा, शपथ ग्रहण समारोह के दौरान इस बात की भी चर्चा होती रही. बता दें कि रघुवर मंत्रिमंडल में आजसू की तरफ से चंद्र प्रकाश चौधरी मंत्री हुआ करते थे, लेकिन उन्होंने गिरिडीह सीट से एनडीए प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज करने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद से ही आजसू में लगातार मंथन का दौर चल रहा था कि किसको उनकी जगह रघुवर कैबिनेट में भेजा जाए.