रांची: झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टियों के बीच रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है. वोटरों को लुभाने के लिए प्रत्याशी तमाम तरह के दाव पेंच चल रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ चुनाव आयोग गंभीरता के साथ इस कोशिश में जुटा है कि चुनाव निष्पक्ष हो और वोटरों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए.
चुनाव निष्पक्ष हो भयमुक्त हो और साथ ही वोट का प्रतिशत कैसे बढ़े इन सवालों को लेकर हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने झारखंड के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से सीधी बात की. विनय कुमार चौबे ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पहली बार इस चुनाव में सी विजील ऐप के जरिए एक तरीके से वोटरों को पर्यवेक्षक बनाने की कोशिश की गई है. अगर कोई दल या प्रत्याशी किसी वोटर को धमकाकर या लुभाकर अपने पाले में वोट डालने के लिए दबाव डालता है तो ऐसी सूरत में वोटर सीधे चुनाव आयोग तक सी विजील एप के जरिए अपनी शिकायत पहुंचा सकता है.
दिव्यांग वोटरों के लिए व्यवस्था
इस बार मतदान केंद्रों तक दिव्यांग वोटरों को पहुंचाने के लिए कई तरह की व्यवस्था की गई है. वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए जगह-जगह नुक्कड़ नाटक के साथ-साथ प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है. राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक इलेक्शन आईकॉन बनाया गया है ताकि वोटर प्रभावित हों और अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि सी विजिल ऐप का असर दिखने लगा है और आए दिन शिकायतें मिल रही हैं जिस पर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है. अब तक साढ़े तीन सौ शिकायतें आ चुकी है, जिनमें से 100 शिकायतों को सही पाया गया है और उन पर कार्रवाई भी की गई है.
वीवीपैट के जरिए डाले जाएंगे वोट
ऐसा पहली बार होगा जब सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट के जरिए वोट डाले जाएंगे ताकि किसी के मन में गलत वोट पड़ने के शक की गुंजाइश न रहे. अब तक 30 लाख से ज्यादा मतदाताओं का वीवीपैट के जरिए मॉक पोल भी कराया जा चुका है. अब सवाल है कि वोट का प्रतिशत कैसे बढ़े. खासतौर से शहरी क्षेत्रों में वोट का प्रतिशत कम देखा जाता है. जो बताता है कि भारत का ग्रामीण वर्ग अपने अधिकारों को लेकर कितना सजग है. लिहाजा हर जानकारी के बावजूद बूथ तक नहीं जाना या फिर लंबी कतार और गर्मी का हवाला देकर खुद को वोट डालने से दूर रखने की आदत बदलने की जरूरत है तभी एक मजबूत लोकतंत्र की बुनियाद पड़ सकती है.
धनबाद में सबसे अधिक वोटर
एक अच्छा कैंडिडेट जीतकर आपके बीच आ सकता है. रही बात झारखंड में वोटरों की संख्या की तो आपको बता दें कि 14 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा वोटों की संख्या धनबाद में है. इस बार बड़ी संख्या में नए मतदाता जुड़े जिस का फाइनल डेटा कुछ दिनों में आपके सामने होगा.