सिमडेगा: बाल संरक्षण और मानव तस्करी पर मंगलवार को सिमडेगा के नगर भवन में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार का आयोजन सिमडेगा पुलिस अधीक्षक डॉ शम्स तबरेज और शक्ति वाहिनी संस्था के संयुक्त प्रयास से किया गया. इसमें जिले के कई थानों के थानाध्यक्ष और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. एसपी डॉ शम्स तबरेज ने कहा कि वर्तमान समय में मानव तस्करी समाज में लगा बहुत बड़ा कलंक है, जिसे सभी को मिलकर मिटाने की आवश्यकता है.
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उन्होंने कहा कि सिमडेगा जिला जो कि पिछड़ा जिला है, यहां रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है. इसी का फायदा मानव तस्कर उठाते हैं और भोली-भाली लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसा लेते हैं. जिसके बाद यह तस्कर बच्चियों की जिंदगी को शहरों की अंधेरनगरी में डाल देते हैं, जिससे इनका वर्तमान के साथ भविष्य भी अंधकार में खो जाता है. एसपी ने कहा कि सिमडेगा के ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाली बच्चियों को स्किल डेवलपमेंट के तहत प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इससे उनकी आर्थिक के साथ सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा.
वहीं, विभिन्न थानों के थानाध्यक्ष और प्रतिनिधियों को कहा कि तस्करों को महज पकड़ कर जेल भेज देना समस्या का समाधान नहीं है. इसके साथ ही पुलिस अधिकारी पिछले रिकॉर्ड को खंगालते हुए इन तस्करों पर विशेष नजर रखें और बच्चों के हित में काम कर रही संस्थाओं से संपर्क स्थापित करे. इनके स्किल डेवलपमेंट सहित रोजगार के मुहैया कराने का भी प्रयास करें. आए दिन लड़कियों के साथ दुष्कर्म की मिल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस और आम लोगों को मिलकर जागरूकता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है. किसी भी प्रकार का संदेह होने पर आम लोगों से सूचना देने की अपील की और पुलिस वालों को टीम वर्क के तहत कार्य करने की बात कही.
शक्ति वाहिनी के ऋषिकांत ने कहा कि कोरोना संकटकाल के बाद सिमडेगा जैसे पिछड़े इलाकों में मानव तस्कर एक बार फिर एक्टिव हो जाएंगे. इसे लेकर स्थानीय पुलिस को और भी सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता होगी. साथ ही उन्होंने मानव तस्करों से ग्रामीण लड़कियों को बचाने सहित विभिन्न बिंदु पर विस्तृत जानकारी दी.