गुमला: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. परिजनों को जब विजय सोरेंग के शहीद होने की खबर मिली तो घर की शांति चीख में बदल गई.
फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने की इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात की है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.
पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद जवान विजय सोरेंद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल हो कर दुश्मनों से लड़ेगा.
एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेंग एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार की दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेंग 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है. शहीद जवान विजय सोरेंग का दो बेटा और दो बेटी हैं. विजय सोरेंग की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में अभी भी हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग देश की सेवा में शामिल होकर सेवा निर्मित हो चुके हैं.