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Pulwama Terror Attack: शहीद के भाई ने कहा- सर्जिकल स्ट्राइक से बढ़ कर हो कार्रवाई

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. परिजनों को जब विजय सोरेंग के शहीद होने की खबर मिली तो घर की शांति चीख में बदल गई.

हाथ में तस्वीर लिए शहीद विजय सोरेंग के बेटे
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Published : Feb 15, 2019, 3:31 PM IST

गुमला: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. परिजनों को जब विजय सोरेंग के शहीद होने की खबर मिली तो घर की शांति चीख में बदल गई.

Pulwama terror attack
हाथ में तस्वीर लिए शहीद विजय सोरेंग के बेटे
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फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने की इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात की है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.


पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद जवान विजय सोरेंद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल हो कर दुश्मनों से लड़ेगा.

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एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेंग एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार की दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेंग 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है. शहीद जवान विजय सोरेंग का दो बेटा और दो बेटी हैं. विजय सोरेंग की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में अभी भी हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग देश की सेवा में शामिल होकर सेवा निर्मित हो चुके हैं.

गुमला: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में झारखंड के गुमला का भी एक बेटा शामिल है, जिनका नाम विजय सोरेंग है. परिजनों को जब विजय सोरेंग के शहीद होने की खबर मिली तो घर की शांति चीख में बदल गई.

Pulwama terror attack
हाथ में तस्वीर लिए शहीद विजय सोरेंग के बेटे
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फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने की इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात की है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.


पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद जवान विजय सोरेंद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल हो कर दुश्मनों से लड़ेगा.

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एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेंग एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार की दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेंग 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है. शहीद जवान विजय सोरेंग का दो बेटा और दो बेटी हैं. विजय सोरेंग की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में अभी भी हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग देश की सेवा में शामिल होकर सेवा निर्मित हो चुके हैं.

Intro:गुमला : जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों में गुमला का भी एक बेटा शामिल है । जिनका नाम विजय सोरेन है । विजय सोरेन का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है । विजय सोरेन घर वालों को शहीद होने की खबर मिलने मिली तो गांव के लोग वह उनके घर वाले काफी भावुक हो गए हैं ।।फिलहाल परिजन विजय सोरेन के शव के आने की इंतजार में हैं ।


Body:शहीद विजय सोरेन के पिता भी आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं । उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर मुझे गर्व है बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है । उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है यह फक्र की बात है लेकिन दुख इस बात की है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है।
वहीं विजय सोरेन के भाई ने कहा कि अब केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक और शहीद जवानों के परिवार वालों को ढाँढस देने की बात छोड़ कर सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े ।
शहीद जवान विजय सोरेन के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर मुझे गर्व है अगर मौका मिला तो मैं भी सेना में बहाल हो कर दुश्मनों से लड़ने के लिए तैयार हूं ।


Conclusion:विजय सोरेन 1 सप्ताह पूर्व ही अपना छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे । कल दोपहर में उनकी अंतिम बात भाई से हुई थी । विजय सोरेन बता रहे थे कि यहां काफी बर्फबारी हो रही है । हमारा ड्यूटी बदला जा रहा है हमारी गाड़ी काफी आहिस्ता चल रही है । यहां सब कुछ ठीक-ठाक है समय से हम लोग अपनी जगह पर पहुंच जाएंगे ।
शहीद विजय सोरेन 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे जिनका जिनका पुलिस नंबर 9331 8014 9 HC/GD है । शहीद जवान चार भाई- बहन हैं साथ ही इनका दो बेटा और दो बेटी हैं । इनके माता-पिता भी अभी जीवित हैं पिता सेवा निर्मित आर्मी के जवान हैं। विजय सोलंकी प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी. जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ है .वही इंटर की परीक्षा गोसनर कॉलेज रांची से हुई है । जिसके बाद उनकी सीआरपीएफ में जॉब लग गई थी
। शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में अभी भी हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं ।।इसके साथ ही चार लोग देश की सेवा में शामिल होकर सेवा निर्मित हो चुके हैं।
बाईट : 1_ ब्रिश सोरेन ( पिता )
बाईट: 2_ संजय सोरेन ( भाई )
बाईट: 3_अरुण सोरेन ( बेटा)
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