रांची: स्टेट फारेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) में काम काज ठप्प पड़ा है. वैज्ञानिकों की कमी और नियमित निदेशक नहीं होने के कारण एफएसएल में प्रदर्शों की जांच बाधित हो रही है. झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे ने राज्य में पुलिस अनुसंधान स्तर सुधारने के लिए एफएसएल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान यहां कई खामियां पायी गईं.
टेकओवर की तैयारी
एफएसएल का संचालन फिलहाल गृह विभाग के द्वारा किया जाता है, लेकिन दूसरे राज्यों की तर्ज पर अब एफएसएल का संचालन पुलिस मुख्यालय के स्तर पर किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. गृह विभाग से सहमति मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय के स्तर से एफएसएल को संचालन किया जाएगा. राज्य एफएसएल में निदेशक का पद खाली है. नियमित निदेशक की कमी की वजह से गृह विभाग के संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारियों को इसका प्रभार दिया गया है. वहीं एफएसएल में वैज्ञानिक सहायकों के 54 पद खाली हैं. पद खाली होने के कारण कई तरह की जांच एफएसएल पुलिस को वक्त पर नहीं सौंप पाती. ऐसे में जांच एफएसएल की वजह से लंबित रह जाती है. वक्त पर एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने से राज्य भर के 500 से अधिक कांड लंबित हैं.
कैसै-कैसे केस हो रहे प्रभावित
गोंदा में अवैध शराब पीने से आधा दर्जन लोगों की मौत बीते साल हो गई थी. इस कांड में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी गई थी. केस में पुलिस ने मृतकों के बिसरा और शराब की सैंपल का मिलान कर एफएसएल से रिपोर्ट की मांग की थी, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं मिल पायी है.
बुंडू में पुलिस मुठभेड़ में चार नक्सलियों के मौत की जांच सीआईडी कर रही है. इस मामले में नक्सलियों के पास से बरामद हथिायर को एफएसएल भेजा गया था, लेकिन एफएसएल ने अब तक इस मामले में रिपोर्ट नहीं दी है.