खूंटी: विवादित पत्थलगड़ी के मामले में बड़े नेताओं की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस मुख्यालय ने नाराजगी जतायी है. डीजीपी कमल नयन चौबे के आदेश पर आईजी अभियान आशीष बत्रा ने खूंटी और चाईबासा जिले के एसपी से पत्थलगड़ी से संबंधित मामले में दर्ज कांडों में आवश्यक कार्रवाई करते हुए एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है.
कार्रवाई के लिए लिखा गया था पत्र
इससे पहले एडीजी सीआईडी ने पत्थलगड़ी विवाद में खूंटी जिला में पुलिस के द्वारा अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने पर वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा था. एडीजी के पत्र में जिक्र है कि खूंटी में बीते दो साल से असमाजिक तत्व प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों को उकसा रहे हैं. खूंटी में पत्थलगड़ी से संबंधित 23 कांड दर्ज हुए हैं, जिसमें 39 लोगों की गिरफ्तारी या कोर्ट में सरेंडर हुआ है, लेकिन गिरफ्तार लोगों में सरगना कम हैं. बहलाए- फुसलाए आम लोग अधिक हैं. पुलिस ने अबतक पत्थलगड़ी समर्थकों पर बड़ी कार्रवाई नहीं की. एडीजी के पत्र के आधार पर ही आईजी ने जिलों के एसपी से रिपोर्ट मांगी है.
फादर स्टेन समेत 20 की गिरफ्तारी के आदेश से जुड़ा मामला
खूंटी थाना में पत्थलगड़ी विवाद को लेकर राष्ट्रद्रोह का केस 124/18 दर्ज हुआ था. खूंटी एसपी ने 25 जनवरी 2019 को इस कांड में आरोपी फादर स्टेट स्वामी, बबिता कच्छप, सुकुमार सोरेन, विरास नाग, थॉमस रूण्डा, वाल्टर कंडुलना, घनश्याम बिरूली, धरमकिशो कुल्लू, साम टुडू, गुलशन टुडू, मुक्ति तिर्की, राकेश रोशन किरो, अजल कंडुलना, अनुपम सुमित लकड़ा, अजंग्या बिरूआ, विकास कोड़ा, विनोद केरकेट्टा, आलोका कुजूर, विनोद कुमार, थियोडर किडो की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. पत्र में लिखा गया है कि केस में एसडीपीओ और खूंटी एसपी ने आरोपियों के खिलाफ मामला सत्य पाया था. केस के अनुसंधानकर्ता को गिरफ्तारी और कुर्की संबंधी आदेश दिए थे.
5 महीने बाद भी गिरफ्तारी नहीं
पत्र में जिक्र है कि खूंटी एसपी के द्वारा पांच माह पूर्व गिरफ्तारी आदेश जारी किया गया था, लेकिन पांच महीने बाद कार्रवाई नहीं होने से खूंटी जिला में विधि व्यवस्था पर कुप्रभाव पड़ रहा है. एडीजी ने लिखा है कि इस मामले में खूंटी के थानेदार, केस के अनुसंधानकर्ता, अंचल निरीक्षक और एसडीपीओ खूंटी के कारण पूछा जाए कि क्यों नहीं उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए. खूंटी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह खूंटी थाना में दर्ज केस 124/18 में आरोपियों की गिरफ्तारी करें और न्यायालय में शपथ पत्र के माध्यम से अभियुक्तों के खिलाफ कुर्की जब्ती आदेश लें.
आमलोगों को समझाएं
एडीजी सीआईडी ने आदेश दिया है कि पत्थलगड़ी कराने वालों पर कार्रवाई करें. नेताओं और ग्रामीणों में कार्रवाई में अंतर किए जाने की आवश्यकता है. आमतौर पर ग्रामीण जानकारी के अभाव में इस प्रकार के आयोजनों में शामिल होते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को समझाया जाए.