रांची: सरना धर्म कोड को लेकर आदिवासी सेना की ओर से बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने की. इस दौरान आदिवासी सेना ने कहा कि धर्म कोड सबंधी प्रस्ताव का नहीं आना समस्त सरना धर्मावलंबियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे आदिवासियों में घोर निराशा है.
उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड के लिए आंदोलन तेज करने की जरूरत है. धर्म कोड बिल पारित कराने के लिए शीतकालीन विधानसभा सत्र को चलने नहीं दिया जायेगा. सरना धर्म कोड को लेकर अब दिल्ली में दस्तक दिया जायेगा. साथ ही धर्म कोड के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आदिवासी मामले के जनजाति अयोग को स्मार दिया जाएगा.
आदिवासी सेना ने कहा कि 2021 की जनगणना में अगर सरना कोड नहींं होता है तो आदिवासी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. राज्य सरकार विशेष सत्र बुलाकर 2021 के जनगणना परिपत्र मे सरना धर्म कोड शामिल करे और संबंधित अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजे. सरना धर्म कोड के लिए आदिवासी समाज कटिबद्ध है.
11 अक्टूबर को मुड़मा जतरा स्थल में बैठक
इसको लेकर अगामी 11 अक्टूबर 2020 को धर्म कोड को लेकर मुड़मा जतरा स्थल में विशाल बैठक का आयोजन किया गया है. इसमें शामिल होने के लिए विभिन्न आदिवासी संगठनों को निमंत्रण भेजा जा रहा है. इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. उनका कहना है कि सरना धर्म कोड नहीं तो वोट नहीं. इस बैठक में मुख्य रूप से विजय मुंडा, संदीप मुंडा, बुधवा उरांव, सोमा लकड़ा, सोमनाथ उरांव, सोमरा उरांव, चरकू उरांव, दिलीप उरांव, सुनील गाड़ी आदि मौजूद थे.