रांचीः झारखंड लेक्चरर नियुक्ति घोटाला मामले के आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार 29 जून को झारखंड हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के समक्ष अपनी दलील रखी गई. याचिकाकर्ता ने बताया कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. अदालत ने याचिकाकर्ता की बात को सुनने के बाद सीबीआई को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में लेक्चरर नियुक्ति घोटाला मामले के आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई को पूरा किया. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिंहा ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
इसे भी पढ़ें- रांची: लेक्चरर नियुक्ति घोटाला मामला, आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने की सुनवाई
याचिकाकर्ता ने रखा पक्ष
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हमारे ऊपर लगाए गए आरोप सभी गलत है. हमने किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार का काम नहीं किया है, इसलिए सीबीआई की तरफ से मेरे ऊपर जो पीसी एक्ट लगाया गया है वह गलत है. उन्होंने कहा जहां तक नंबर बढ़ाने की बात है. उसमें हम लोगों की कोई भूमिका नहीं होती है. उसमें लोक सेवा आयोग के सदस्य और मेंबर की भूमिका होती है, इसलिए सीबीआई की तरफ से हम लोगों पर लगाया गया आरोप गलत और बेबुनियाद है. अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष को पूरी तरह सुनने के उपरांत सीबीआई को अपना पक्ष पूरा करने को कहा है.
लेक्चरर नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप
बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा लेक्चरर नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप सामने आने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. जांच के बाद सीबीआई ने याचिकाकर्ता विनोद कुमार सिंहा और अन्य कई जो परीक्षा में अभ्यार्थी थे, बाद में लेक्चरर बने उन्हें आरोपी बनाया. आरोपियों ने रोज उरांव और अन्य कई ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, उसी याचिका पर सौमवार को सुनवाई हुई.