धनबाद: झारखंड में सभी सीटों पर आमने-सामने की लड़ाई है, लेकिन इसके उलट धनबाद की स्थिति कुछ और बयां कर रही है. यहां काग्रेस को बीजेपी से बाद में पहले अपने कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है. कांग्रेस ने इस सीट से बीजेपी के सामने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ती आजाद को उतारा, लेकिन अब कार्यकर्ता पार्टी के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
धनबाद संसदीय क्षेत्र से कीर्ति आजाद को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद धनबाद कांग्रेस में विवादों का दौर उफान पर है. कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति आजाद जब से कोयलांचल की धरती पर कदम रखे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ आक्रोश हैं. विक्षुब्ध गुट के कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी को काला झंडा दिखा रहे हैं. पहले ही दिन कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाकर कीर्ति आजाद वापस जाओ का नारा लगाया.
कार्यकर्ताओं ने दिखाया काला झंडा
कीर्ति आजाद के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाकर नारेबाजी की. यही नहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ भी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और काला झंडा दिखाया. विक्षुब्ध कार्यकर्ताओं का कहना है कि आरएसएस सोच रखने वाले प्रत्याशी को धनबाद की जनता ना मंजूर करती है. कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के खिलाफ धनबाद कांग्रेस को खराब करने का आरोप लगाया. साथ ही कि करोड़ों की डील कर कीर्ति आजाद को प्रत्याशी बनाया गया है. भाजपा के साथ इसे एक सोची समझी साजिश कार्यकर्ताओं ने बताया है.
ये चिरकुट वाली घटना: अजय कुमार
वहीं, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार काला झंडा दिखाए जाने पर इसे चिरकुट वाली घटना बताया है. उन्होंने कहा कि हजारों कार्यकर्ता स्वागत करते हैं और पांच लोग उनका विरोध करते हैं. विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं के निष्कासन पर उन्होंने कहा कि यह तो स्टेशन डायरी इंट्री करने लायक भी नहीं है. उनका निष्कासन तो पहले ही होना चाहिए था.
बीजेपी ने दिखाया काला झंडा: कीर्ति
इधर, कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति आजाद का कहना है कि भाजपा सांसद पीएन सिंह के समर्थकों ने उन्हें काला झंडा दिखाया है. क्योंकि भाजपा प्रत्याशी को यह पता लग चुका है कि वह ये चुनाव हार चुके हैं साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्याशी बनाए जाने के लिए लिस्ट में कई नेताओं के नाम थे, लेकिन टिकट तो एक ही मिलना होता है. उन्होंने अप्रत्यक्ष से रूप से कहा कि ददई दुबे को यदि टिकट नहीं मिला तो उनके कार्यकर्ता नाराज हो गए. किसी न किसी नेता के समर्थकों की नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन चुनाव के नजदीक आने पर कार्यकर्ताओं की यह नारजगी दूर हो जाती है.
हार का ठीकरा मेरे सिर: ददई दुबे
वहीं, पूर्व सांसद और धनबाद लोकसभा से कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार ददई दुबे ने कहा कि यदि किसी कारणवश कांग्रेस यहां चुनाव हारती है तो इसके ठीकरा उनके सिर पर ही फोड़ा जाएगा. इसलिए वह चाहते हैं कि पार्टी नेतृत्व उन्हें किसी और क्षेत्र में चुनाव कार्य मे लगाएं. बहरहाल, कांग्रेस धनबाद में भाजपा को टक्कर दे पाती है या फिर अपने ही कार्यकर्ताओं के चक्रव्यूह में फंस कर रहे जाती है. यह तो चुनाव के नतीजों के आने बाद ही मालूम चल सकेगा.