लातेहार: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर 11 वर्षों से चली आ रही लंबित मांगों को लेकर सोमवार से मनरेगा कर्मी 3 दिनों की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए. जहां मनरेगा कर्मी हड़ताल पर जाने के पूर्व सभी जिला मुख्यालय के साथ प्रखंड मुख्यालयों में जिला उपायुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम से मांग पत्र सौंपा है. साथ ही सरकार की ओर अपनी मांगों पर ध्यान आकर्षित कराने का काम किया है.
मनरेगा कर्मियों की 7 सूत्री मांगे
मांग पत्र के जरिए 10 वर्षों से अधिक सेवा दे चुके मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थाई करने, सामान्य कार्य के बदले सामान्य वेतन देने, सेवा अवधि के दौरान मृत हो चुके मनरेगा कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने, झारखंड के चतरा पाकुड़ गिरिडीह समेत राज्य के अन्य जिलों में अनावश्यक दंडात्मक एकतरफा की गई कार्रवाई के तहत बर्खास्त मनरेगा कर्मियों को फिर से बहाल करने समेत 7 सूत्री मांगों पर सरकार का ध्यानाकर्षित कराया गया.
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काला बिल्ला लगाकर किया विरोध
वहीं, इसके पूर्व मनरेगा कर्मियों ने कई दिनों तक काला बिल्ला लगाकर अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष विरोध पेश करने का काम किया. मनरेगा कर्मियों की माने तो लगभग 11 वर्षों से मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते आ रहे हैं, जिसके बावजूद उनका सम्मान उन्हें नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर मनरेगा संघ के आह्वान पर 3 दिनों की सांकेतिक हड़ताल की जा रही है. साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री से वार्ता को लेकर समय मांगा जा रहा है.
वहीं, हड़ताल अवधि के दौरान अगर मनरेगा संघ को कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलता है तो मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. मनरेगाकर्मी के हड़ताल में रोजगार सेवक के साथ-साथ मनरेगा के सहायक अभियंता कनीय अभियंता ऑपरेटर समेत कई अन्य कर्मी शामिल है.