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बोकारोः राज्य अभिभावक संघ का एकदिवसीय धरना, डीसी कार्यालय के सामने रखी कई मांगें

बोकारो में राज्य अभिभावक संघ ने डीसी कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया. इस धरने के माध्यम से संघ की ने अपनी कई मांग रखी है. उनका कहना है कि स्कूल प्रबंधन और जिला शिक्षा विभाग उनकी बिल्कुल भी नहीं सुन रहा है.

State Guardians Association protests in Bokaro
राज्य अभिभावक संघ का धरना
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Published : Sep 21, 2020, 6:05 PM IST

बोकारो: निजी स्कूलों के मनमानी और शोषण के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ ने आज डीसी कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया. इस धरने में अभिभावक संघ के पदाधिकारी और आम अभिभावक मौजूद रहे. इस धरने के माध्यम से संघ की मांग है की लॉकडाउन अवधि के दौरान 3 महीने का बच्चों का स्कूल फीस माफ किया जाए और वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा के देने के नाम पर जो फीस की मांग की जा रही है उसमें फीस की 15% राशि ही ली जाए. इन मांगों को लेकर अभिभावक संघ के लोग कई विद्यालयों के बाहर भी प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी अभिभावक संघ और अभिभावकों की बात पर ना तो स्कूल प्रबंधन और ना ही जिला शिक्षा विभाग ने किसी प्रकार का कोई निर्णय लिया.

ये भी पढ़ें-झारखंड-बिहार सीमा पर संगठन मजबूत करने में जुटे माओवादी, पुलिस अलर्ट

धरने पर बैठी सुषमा देवी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षकों के माध्यम से लगातार बच्चों को फीस देने के लिए दबाव बना रहा है लेकिन इस कोरोना काल में जब खाने की स्थिति ठीक नहीं है, तो ऐसे में फीस कैसे दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिसके पास पैसा है वह फीस जा कर चुका दे रहे हैं, जैसा शिक्षा मंत्री ने किया है. ऐसे में हमारे पास पैसे की कमी है तो फिर हम फीस कैसे भरें.

वहीं, धरने पर बैठे कवि नाथ झा ने कहा कि निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ ना तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय ले पा रही है. यही कारण है कि अभिभावकों का शोषण निजी स्कूल लगातार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इस पर जल्द कोई फैसला ले जिससे कि साथी अभिभावकों को मानसिक शोषण का शिकार न होना पड़े.

बोकारो: निजी स्कूलों के मनमानी और शोषण के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ ने आज डीसी कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया. इस धरने में अभिभावक संघ के पदाधिकारी और आम अभिभावक मौजूद रहे. इस धरने के माध्यम से संघ की मांग है की लॉकडाउन अवधि के दौरान 3 महीने का बच्चों का स्कूल फीस माफ किया जाए और वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा के देने के नाम पर जो फीस की मांग की जा रही है उसमें फीस की 15% राशि ही ली जाए. इन मांगों को लेकर अभिभावक संघ के लोग कई विद्यालयों के बाहर भी प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी अभिभावक संघ और अभिभावकों की बात पर ना तो स्कूल प्रबंधन और ना ही जिला शिक्षा विभाग ने किसी प्रकार का कोई निर्णय लिया.

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धरने पर बैठी सुषमा देवी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षकों के माध्यम से लगातार बच्चों को फीस देने के लिए दबाव बना रहा है लेकिन इस कोरोना काल में जब खाने की स्थिति ठीक नहीं है, तो ऐसे में फीस कैसे दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिसके पास पैसा है वह फीस जा कर चुका दे रहे हैं, जैसा शिक्षा मंत्री ने किया है. ऐसे में हमारे पास पैसे की कमी है तो फिर हम फीस कैसे भरें.

वहीं, धरने पर बैठे कवि नाथ झा ने कहा कि निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ ना तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय ले पा रही है. यही कारण है कि अभिभावकों का शोषण निजी स्कूल लगातार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इस पर जल्द कोई फैसला ले जिससे कि साथी अभिभावकों को मानसिक शोषण का शिकार न होना पड़े.

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