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धोनी के साथ खड़ा हुआ रांची का हर क्रिकेटर, बलिदान बैज विवाद पर ICC की आलोचना

विश्व कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच के दौरान धोनी एक स्पेशल ग्लव्स के साथ मैदान में उतरे थे. मैच के दौरान उनके ग्लव्स पर 'बलिदान बैज ' का चिह्न दिखा. जिसके बाद आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने के आदेश जारी की गई.

महेंद्र सिंह धोनी
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Published : Jun 7, 2019, 9:05 PM IST

रांची: बुधवार को हुए विश्व कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच के दौरान धोनी एक स्पेशल ग्लव्स के साथ मैदान में उतरे थे. मैच के दौरान उनके ग्लव्स पर 'बलिदान बैज ' का चिह्न दिखा. जिसके बाद आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने के आदेश जारी की गई. जिसपर रांची के क्रिकेटरों ने नाराजगी जाहिर की.


ICC के फरमान पर क्रिकेटरों ने जाहिर की नाराजगी
आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने का आदेश जारी किया गया. जिसके बाद रांची में क्रिकेटरों में आईसीसी के खिलाफ काफी नाराजगी दिखी और रांची के क्रिकेटरों ने आईसीसी के इस फरमान की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि धोनी के प्रति और भी सम्मान बढ़ गया है.


दरअसल, टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप अभियान के पहले मैच में अपने ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज लगाकर खेल के मैदान में उतरे थे. यह बैच पैरा कमांडो लगाते हैं और इस बैज को 'बलिदान बैज' कहा जाता है. धोनी के इस कदम की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब की जा रही है.

धोनी के सपोर्ट में युवा क्रिकेटर


आईसीसी ने इस पर एतराज जताया है और बीसीसीआई से इसे हटाने की मांग भी की है. आईसीसी ने कहा है कि यह नियमों के विरुद्ध है. लेकिन जानकार बताते हैं कि सेना ने धोनी को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी है. इसके अलावा धोनी एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर भी है. उन्होंने पेरा बेसिक कोर्स किया है और ये बैज पैराट्रूपर्स पहनते हैं.


जानकारों ने बताया कि पैराशूट रेजीमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें बलिदान के रूप में माना जाता है. इस बैज में बलिदान शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी की धातु से बना होता है. जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयात होता है. यह बैज केवल पैरा कमांडो द्वारा ही पहना जाता है और जबकि धोनी लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक में है तो वे इस बैज का उपयोग हर क्षेत्र में कर सकते हैं.

रांची: बुधवार को हुए विश्व कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच के दौरान धोनी एक स्पेशल ग्लव्स के साथ मैदान में उतरे थे. मैच के दौरान उनके ग्लव्स पर 'बलिदान बैज ' का चिह्न दिखा. जिसके बाद आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने के आदेश जारी की गई. जिसपर रांची के क्रिकेटरों ने नाराजगी जाहिर की.


ICC के फरमान पर क्रिकेटरों ने जाहिर की नाराजगी
आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने का आदेश जारी किया गया. जिसके बाद रांची में क्रिकेटरों में आईसीसी के खिलाफ काफी नाराजगी दिखी और रांची के क्रिकेटरों ने आईसीसी के इस फरमान की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि धोनी के प्रति और भी सम्मान बढ़ गया है.


दरअसल, टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप अभियान के पहले मैच में अपने ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज लगाकर खेल के मैदान में उतरे थे. यह बैच पैरा कमांडो लगाते हैं और इस बैज को 'बलिदान बैज' कहा जाता है. धोनी के इस कदम की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब की जा रही है.

धोनी के सपोर्ट में युवा क्रिकेटर


आईसीसी ने इस पर एतराज जताया है और बीसीसीआई से इसे हटाने की मांग भी की है. आईसीसी ने कहा है कि यह नियमों के विरुद्ध है. लेकिन जानकार बताते हैं कि सेना ने धोनी को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी है. इसके अलावा धोनी एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर भी है. उन्होंने पेरा बेसिक कोर्स किया है और ये बैज पैराट्रूपर्स पहनते हैं.


जानकारों ने बताया कि पैराशूट रेजीमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें बलिदान के रूप में माना जाता है. इस बैज में बलिदान शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी की धातु से बना होता है. जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयात होता है. यह बैज केवल पैरा कमांडो द्वारा ही पहना जाता है और जबकि धोनी लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक में है तो वे इस बैज का उपयोग हर क्षेत्र में कर सकते हैं.

Intro:रांची।

आईसीसी द्वारा इंडियन टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को हटाने के आदेश जारी करने के बाद रांची में क्रिकेटरों में आईसीसी के खिलाफ काफी आक्रोश देखा जा रहा है. रांची के क्रिकेटरों ने आईसीसी के इस फरमान की आलोचना की है .साथ ही धोनी के प्रति और भी सम्मान बढ़ जाने की बात कही गई है.


Body:दरअसल टीम इंडिया के विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप अभियान के पहले मैच में अपने ग्लव्स पर पैरा कमांडो का बैज लगाकर खेल के मैदान में उतरे थे .यह बैच पैरा कमांडो लगाते हैं इस बैज को बलिदान बैज कहा जाता है .धोनी के इस कदम की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब की जा रही है .हालांकि आईसीसी ने इस पर एतराज जताया है और बीसीसीआई से इसे हटाने की मांग भी किया है. आईसीसी ने कहा है कि यह नियमों के विरुद्ध है .लेकिन जानकार बताते हैं कि सेना ने धोनी को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी है. इसके अलावा धोनी एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर भी है .उन्होंने पेरा बेसिक कोर्स किया है और ये बैज पैराट्रूपर्स पहनते हैं . जानकारों का मानना है यह भी मानना कि की पैराशूट रेजीमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं जिन्हें बलिदान के रूप में माना जाता है .इस बैज में बलिदान शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है .यह बैज चांदी की धातु से बना होता है. जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयात होता है .यह बैज केवल पैरा कमांडो द्वारा ही पहना जाता है और जबकि धोनी लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक में है तो वे इस बैज का उपयोग हर क्षेत्र में कर सकते हैं .इधर रांची के क्रिकेटरों ने इसे लेकर माही का समर्थन किया है और आईसीसी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है.

बाइट-युवा क्रिकेटर।

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