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प्राइवेट स्कूलों को हाई कोर्ट से झटका, फीस बढ़ाने के लिए लेनी होगी अनुमति

निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए बने नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश दिया है कि राज्य के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अब झारखंड हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी.

फाइल फोटो
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Published : May 13, 2019, 10:58 PM IST

रांची: निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए बने नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में हुई.


अदालत में सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश दिया है कि राज्य के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अब झारखंड हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी. हाईकोर्ट और जिलास्तर पर बनी कमेटी की अनुशंसा के बाद ही निजी स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर सकेंगे. सुनवाई के दौरान मामले पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 जून की तिथि निर्धारित की है.


बता दें कि राज्य सरकार 7 जनवरी 2019 को निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर कमेटी बनाई है. स्कूल स्तर की बनी इस कमेटी में प्रबंधन प्राचार्य 4 शिक्षक सहित अभिभावकों के प्रतिनिधि को शामिल किया है. यह कमेटी 10 फीसदी तक फीस की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव की मंजूर दे सकती है, लेकिन वहीं 10 फीसदी से अधिक फीस की बढ़ोतरी के लिए जिला स्तरीय कमेटी के पास भेजना होगा. इस जिला कमेटी में उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षक अधीक्षक, स्थानीय सांसद और विधायक को शामिल किया गया है. इसी नियम के विरुद्ध निजी स्कूलों ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है.

रांची: निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए बने नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में हुई.


अदालत में सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश दिया है कि राज्य के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अब झारखंड हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी. हाईकोर्ट और जिलास्तर पर बनी कमेटी की अनुशंसा के बाद ही निजी स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर सकेंगे. सुनवाई के दौरान मामले पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 जून की तिथि निर्धारित की है.


बता दें कि राज्य सरकार 7 जनवरी 2019 को निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर कमेटी बनाई है. स्कूल स्तर की बनी इस कमेटी में प्रबंधन प्राचार्य 4 शिक्षक सहित अभिभावकों के प्रतिनिधि को शामिल किया है. यह कमेटी 10 फीसदी तक फीस की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव की मंजूर दे सकती है, लेकिन वहीं 10 फीसदी से अधिक फीस की बढ़ोतरी के लिए जिला स्तरीय कमेटी के पास भेजना होगा. इस जिला कमेटी में उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षक अधीक्षक, स्थानीय सांसद और विधायक को शामिल किया गया है. इसी नियम के विरुद्ध निजी स्कूलों ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है.

Intro:रांची


निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए बने नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश दिया है कि राज्य के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अब झारखंड हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी। हाई कोर्ट व जिला स्तर पर बनी कमेटी की अनुशंसा के बाद ही निजी स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर सकेंगे। साथी सुनवाई के दौरान मामले पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 जून की तिथि निर्धारित की है


Body:आपको बता दें कि राज्य सरकार 7 जनवरी 2019 को निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर कमेटी बनाई है स्कूल स्तर की बनी इस कमेटी में प्रबंधन प्राचार्य 4 शिक्षक सहित अभिभावकों की प्रतिनिधि को शामिल किया है। यह कमेटी 10 फ़ीसदी तक फीस की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव की मंजूर दे सकती है। लेकिन वहीं 10 फ़ीसदी से अधिक फीस की बढ़ोतरी के लिए जिला स्तरीय कमेटी के पास भेजना होगा। और इस जिला कमेटी में उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारी,जिला शिक्षक अधीक्षक,स्थानीय सांसद, और विधायक को शामिल किया गया है इसी नियम के विरुद्ध निजी स्कूलों ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है


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