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झारखंड सरकार भरे सूचना आयुक्तों के पद, पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

बीजेपी विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य सूचना आयोग में रिक्त पड़े मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों को जल्द भरने की मांग की.

 राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी.
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Published : Jun 29, 2020, 6:43 PM IST

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सूचना आयोग को मजबूत करने की मांग की है. मरांडी ने कहा कि राज्य में सूचना आयुक्तों की तत्काल नियुक्ति करने की जरूरत है, ताकि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर अंकुश लग सके. मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है और कहा है कि झारखंड देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां आयोग के सूचना आयुक्त का पद रिक्त है. उन्होंने कहा है कि स्वस्थ और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता.

7500 से अधिक अपील हैं लंबित
जानकारी के अनुसार आयोग में लगभग 7,500 से अधिक अपील लंबित है. वहीं हर महीने 500 के आस-पास अपील आयोग तक पहुंचती है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी 2020 में उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि एक मुख्य सूचना आयुक्त और पांच सूचना आयुक्तों की नियुक्ति जल्द कर ली जाएगी. राज्य सरकार ने विज्ञापन निकालकर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारंभ की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इसे भी पढ़ें- रांचीः पूर्व DGP समेत उनकी पत्नी और बेटे को पुलिस भेजेगी नोटिस, बहू ने लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप

पिछले महीने से आयुक्त विहीन है सूचना आयोग
मरांडी ने कहा कि बीते 8 मई 2020 से प्रभारी सूचना आयुक्त का कार्यकाल भी समाप्त हो जाने के बाद से आयोग पूरी तरह से आयुक्त विहीन हो गया है. सूचना आयुक्त का पद रिक्त होने की वजह से आयोग कर्मियों के समक्ष वेतन का भी संकट खड़ा हो गया है.

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सूचना आयोग को मजबूत करने की मांग की है. मरांडी ने कहा कि राज्य में सूचना आयुक्तों की तत्काल नियुक्ति करने की जरूरत है, ताकि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर अंकुश लग सके. मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है और कहा है कि झारखंड देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां आयोग के सूचना आयुक्त का पद रिक्त है. उन्होंने कहा है कि स्वस्थ और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता.

7500 से अधिक अपील हैं लंबित
जानकारी के अनुसार आयोग में लगभग 7,500 से अधिक अपील लंबित है. वहीं हर महीने 500 के आस-पास अपील आयोग तक पहुंचती है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी 2020 में उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि एक मुख्य सूचना आयुक्त और पांच सूचना आयुक्तों की नियुक्ति जल्द कर ली जाएगी. राज्य सरकार ने विज्ञापन निकालकर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारंभ की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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पिछले महीने से आयुक्त विहीन है सूचना आयोग
मरांडी ने कहा कि बीते 8 मई 2020 से प्रभारी सूचना आयुक्त का कार्यकाल भी समाप्त हो जाने के बाद से आयोग पूरी तरह से आयुक्त विहीन हो गया है. सूचना आयुक्त का पद रिक्त होने की वजह से आयोग कर्मियों के समक्ष वेतन का भी संकट खड़ा हो गया है.

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