धनबाद: कोयलांचल में डीसी रेल लाइन के बंद होने के बाद लोग सरकार के खिलाफ मुखर हो गए थे. चुनाव के ठीक पहले लोगों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने आनन-फानन में इस रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन फिर शुरू करा दिया. लेकिन मामला अब भी शांत नहीं हुआ है, सवाल ये है कि ये रेल लाइन यात्रियों के लिए कितना सुरक्षित है?
धनबाद और बोकारो के चंद्रपुरा के बीच डीसी रेल लाइन पर 15 जून 2017 को ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. भूमिगत रेलवे ट्रैक के नीचे आग होने की वजह से डीजीएमएस की रिपोर्ट पर रेल मंत्रालय ने ये फैसला लिया था. इसके बंद होने से 26 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया और 34 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर कुल 14 छोटे-बड़े स्टेशन से आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी.
डीसी रेल लाइन पर ट्रेनों के बंद होने के बाद कोयलांचल के तमाम छोटे-बड़े संगठन, पार्टियां, व्यवसायी यहां तक की आम लोग भी आंदोलन करने लगे. जन आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा, चुनाव का वक्त नजदीक आता देख सरकार ने रेल मंत्रालय के जरिए डीसी रेल लाइन पर फिर से ट्रेनों का परिचालन शुरू करवाया.
ट्रेनों के परिचालन शुरू होने पर मंच से सांसद पीएन सिंह इस बंदी का ठीकरा डीजीएमएस के अधिकारियों के ऊपर फोड़ डाला. वहीं बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने रिपोर्टिंग के मामले में बीसीसीएल एवं डीजीएमएस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी कर डाली है.
इधर, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है. वोट बैंक के लिए इसे फिर से चालू किया गया है.लोगों की मांग पर डीसी रेल लाइन को शुरू कर दिया गया है लेकिन बड़ा सवाल है कि जिस खतरे की वजह से इस रूट को बंद किया गया था क्या वो खतरा टल गया है?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओडिशा में रैली को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में 15 उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जाते हैं लेकिन किसानों की कर्ज माफी नहीं होती है.