धनबाद: जिले के कोयलांचल के साथ-साथ सूबे के कई अन्य जिलों में फिर से अंधेरा कायम होने वाला है. डीवीसी और झारखंड सरकार की लड़ाई में एक बार फिर से जनता पीसने लगी है. बता दें कि दामोदर घाटी निगम ने जेबीवीएनएल पर अपना 5670 करोड़ रुपए का बकाया बिजली बिल वसूलने के लिए दबाव बढ़ा दिया है. बकाया बिजली बिल नहीं देने पर 1 जुलाई से डीवीसी ने फिर से बिजली कटौती करने की चेतावनी दी है.
जुलाई महीने से बिजली में भारी कटौती
गौरतलब है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को 30 जून तक डीवीसी ने बकाया भुगतान करने को कहा है. भुगतान नहीं होने पर जुलाई महीने से बिजली में भारी कटौती की जाएगी. यह कटौती 18 घंटे तक हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो 1 जुलाई से डीवीसी के कमांड क्षेत्र में आने वाले सूबे के धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग ओर चतरा जिले में अंधेरा कायम हो जाएगा.
इसे भी पढ़ें- पलामूः लचर बिजली व्यवस्था को लेकर उपभोक्ताओं में उबाल, आंदोलन की दी चेतावनी
बिजली के बिल को लेकर विवाद
झारखंड सरकार और डीवीसी के बीच लंबे समय से बिजली के बिल को लेकर विवाद चला आ रहा है. झारखंड सरकार डीवीसी से बिजली खरीद कर कई जिलों के उपभोक्ताओं को बिजली देती है. फरवरी महीने के अंत में 4995 करोड़ रुपया डीवीसी का बकाया था, जिसको वसूलने के लिए डीवीसी ने बिजली कटौती की थी तब बिजली को लेकर इन जिले के लोग त्राहिमाम कर रहे थे. 18 से 20 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही थी, जिसके बाद झारखंड सरकार ने 400 करोड़ रुपए डीवीसी को भुगतान किया और 14 मार्च को लिखित समझौते के बाद डीवीसी ने बिजली आपूर्ति सामान्य कर दी थी. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी.
डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच 14 समझौता
डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच 14 समझौता हुआ था, जिसके तहत 24 किस्तों में बकाया का भुगतान किया जाना था, लेकिन जेबीवीएनएल ने समझौते का पालन नहीं किया. समझौते के बाद झारखंड की तरफ से एक भी किस्त का भुगतान नहीं किया गया. इसके बाद डीवीसी ने फिर से बिजली कटौती की चेतावनी दे दी है. अगर जुलाई से डीवीसी फिर से बिजली कटौती करता है तो एक बार फिर से इन इलाकों में अंधेरा कायम हो जाएगा. बिजली के लिए लोग त्राहिमाम करते नजर आएंगे.