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स्कूल फीस को लेकर भाजपा का सरकार पर तंज, कहा- हिम्मती नहीं मजबूर है सरकार - सरकार पर बीजेपी का बयान

रांची में स्कूल फीस को लेकर भाजपा ने सरकार पर तंज किया है. भाजपा का कहना है कि झारखंड सरकार हिम्मत से नहीं बल्कि मजबूरी से चल रही है.

BJP statement on government regarding school fees in ranchi
भारतीय जनता पार्टी
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Published : Sep 19, 2020, 8:16 PM IST

रांची: भारतीय जनता पार्टी ने निजी स्कूलों के फीस मामले पर राज्य सरकार को घेरा है. प्रदेश भाजपा ने झारखंड सरकार की मंशा और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े किए है. इसको लेकर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने शनिवार को झारखंड सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान सरकार हिम्मत से नहीं बल्कि मजबूरी से चल रही है. उन्होंने कहा कि चास के दिल्ली पब्लिक स्कूल की घटना तो बस एक उदाहरण मात्र है. यह मामला सूबे के शिक्षा मंत्री के घर से संबंधित था. इस लिए मंत्री ने आनन-फानन में स्कूल पहुंच गए.

उन्होंने कहा कि हर दिन सूबे के सैकड़ों- हज़ारों अभिभावक निजी स्कूलों की दोहन और शोषण नीति के शिकार हो रहें है लेकिन झारखंड सरकार संवेदन शून्य है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की माफियागिरी के आगे शिक्षा मंत्री नख दंत विहीन शेर के समान मजबूर हैं. उन्होंने सवाल किया की आख़िर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि झारखंड सरकार निजी स्कूलों के आगे बौने, बेबस और लाचार हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि लगभग दो माह पहले सरकार ने आदेश जारी किया था कि महज लॉकडाउन अवधि में ट्यूशन फीस जमा लिए जाएं. इसके बावजूद अधिकांश प्राइवेट स्कूलों विभिन्न प्रकार के शुल्कों को समाहित करते हुए अभिभावकों से भारी भरकम फीस वसूले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानियों के आगे जिला शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय सहित झारखंड सरकार अत्यंत कमजोर और मजबूर है. लोकहित के विषयों पर हिम्मत दिखाने की जगह सरकार मजबूरी दर्शा रही है.

ये भी देखें- बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की जिद छोड़े BJP, अन्य निष्ठावान नेताओं पर जताना चाहिए भरोसा: कांग्रेस

उन्होंने कहा कि झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों की जेब पर पड़ने वाले भारी भरकम बोझ की सच्चाई इसी से लगाई जा सकती है कि बोकारो (चास) के दिल्ली पब्लिक स्कूल ने समय पर फीस भुगतान न होने के कारण कार्रवाई करते हुए सूबे के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की नातिन का ऑनलाइन क्लास से नाम काटने की कार्रवाई कर दी. इस मामले की जानकारी मिलते ही शिक्षा मंत्री स्कूल पहुंच गए. हालांकि उन्होंने अपनी नातिन का स्कूल फीस स्वयं भुगतान कर दिया लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी का आलम सरकार को आइना दिखाने के लिए पर्याप्त है.

रांची: भारतीय जनता पार्टी ने निजी स्कूलों के फीस मामले पर राज्य सरकार को घेरा है. प्रदेश भाजपा ने झारखंड सरकार की मंशा और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े किए है. इसको लेकर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने शनिवार को झारखंड सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान सरकार हिम्मत से नहीं बल्कि मजबूरी से चल रही है. उन्होंने कहा कि चास के दिल्ली पब्लिक स्कूल की घटना तो बस एक उदाहरण मात्र है. यह मामला सूबे के शिक्षा मंत्री के घर से संबंधित था. इस लिए मंत्री ने आनन-फानन में स्कूल पहुंच गए.

उन्होंने कहा कि हर दिन सूबे के सैकड़ों- हज़ारों अभिभावक निजी स्कूलों की दोहन और शोषण नीति के शिकार हो रहें है लेकिन झारखंड सरकार संवेदन शून्य है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की माफियागिरी के आगे शिक्षा मंत्री नख दंत विहीन शेर के समान मजबूर हैं. उन्होंने सवाल किया की आख़िर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि झारखंड सरकार निजी स्कूलों के आगे बौने, बेबस और लाचार हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि लगभग दो माह पहले सरकार ने आदेश जारी किया था कि महज लॉकडाउन अवधि में ट्यूशन फीस जमा लिए जाएं. इसके बावजूद अधिकांश प्राइवेट स्कूलों विभिन्न प्रकार के शुल्कों को समाहित करते हुए अभिभावकों से भारी भरकम फीस वसूले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानियों के आगे जिला शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय सहित झारखंड सरकार अत्यंत कमजोर और मजबूर है. लोकहित के विषयों पर हिम्मत दिखाने की जगह सरकार मजबूरी दर्शा रही है.

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उन्होंने कहा कि झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों की जेब पर पड़ने वाले भारी भरकम बोझ की सच्चाई इसी से लगाई जा सकती है कि बोकारो (चास) के दिल्ली पब्लिक स्कूल ने समय पर फीस भुगतान न होने के कारण कार्रवाई करते हुए सूबे के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की नातिन का ऑनलाइन क्लास से नाम काटने की कार्रवाई कर दी. इस मामले की जानकारी मिलते ही शिक्षा मंत्री स्कूल पहुंच गए. हालांकि उन्होंने अपनी नातिन का स्कूल फीस स्वयं भुगतान कर दिया लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी का आलम सरकार को आइना दिखाने के लिए पर्याप्त है.

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