गोड्डा: जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के संघर्ष के दिनों के करीबी रहे हेमलाल मुर्मु ने एक दो नहीं पूरे पांच-पांच चुनाव जीते. वे बरहेट विधानसभा से 4 बार विधायक और राजमहल लोकसभा से एक बार सांसद रहे, लेकिन जेएमएम से अलग क्या हुए जीत को तरस गए.
राजनीतिक रिश्ते में भतीजा और गुरुजी के पुत्र हेमंत सोरेन से टिकट को लेकर अनबन क्या हुई. पार्टी ही छोड़ दी और पिछले पांच सालों में भाजपा के टिकट पर तीसरी बार चुनावी अखाड़े में हैं. इस उम्मीद में की भगवा रंग से भी एक अदद चुनावी जीत मिल जाए. हेमलाल मुर्मु को भाजपा ने राजमहल क्षेत्र से जेएमएम के सांसद विजय हांसदा के विरुद्ध मैदान में उम्मीदवार घोषित किया है.
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हेमलाल झामुमो के पुराने दिग्गजों में से एक रहे हैं, जिसने पहली दफा 1990, 1995, 2000 और 2009 में जेएमएम के टिकट पर चुनाव जीता. 2004 में राजमहल से सांसद बने. इसी दौरान 2014 में फिर राजमहल से जेएमएम का टिकट चाहते थे. पार्टी ने नहीं दिया. इससे नाराज हेमलाल पार्टी छोड़ बीजेपी से उम्मीदवार बन मैदान में उतरे और दूसरे स्थान पर रहे.बीजेपी ने हेमलाल को फिर लिट्टीपाड़ा में उपचुनाव में आजमाया, लेकिन हेमलाल फिर नहीं जीत पाए. पार्टी पांच साल में तीसरी बार हेमलाल को राजमहल से आजमा रही है.