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देवघर में बंद का मिलाजुला असर, सरकार के विरोध में सड़क पर उतरा पूरा विपक्ष

13 पॉइंट रोस्टर के विरोध में मंगलवार को आदिवासियों और दलितों ने भारत बंद बुलाया है. देवघर में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. बंद को सफल बनाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां सड़क पर नजर आईं. इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार विरोधी नारे लगाए.

जानकारी देते विपक्षी दल के नेता
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Published : Mar 5, 2019, 4:35 PM IST

देवघर: 13 पॉइंट रोस्टर के विरोध में मंगलवार को आदिवासियों और दलितों ने भारत बंद बुलाया है. देवघर में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. बंद को सफल बनाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां सड़क पर नजर आईं. इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार विरोधी नारे लगाए.

जानकारी देते विपक्षी दल के नेता


बंद को झारखंड में राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन दिया. जेएमएम, जेवीएम, आरजेडी, कांग्रेस समेत बीएसपी तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता हाथ मे बैनर पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे. देवघर में सुबह कुछ देर के लिए मुख्य बाजार बंद करवाया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद बंदी का असर कम होता दिखाई देने लगा.बाजार फिर से पहले की ही तरह गुलजार नजर आए. आम लोग भी अपने-अपने दिनचर्या में जुटे दिखाई दिए.


सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले पर राहत देने के बावजूद भी आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदाय अपने भारत बंद के फैसले पर कायम है. मंगलवार को उन्होंने भारत बंद बुलाया. दरअसल, आदिवासियों का कहना है कि ये केवल फौरी राहत है और वन अधिकार अधिनियम के तहत इसे कभी भी पलटा जा सकता है.

देवघर: 13 पॉइंट रोस्टर के विरोध में मंगलवार को आदिवासियों और दलितों ने भारत बंद बुलाया है. देवघर में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. बंद को सफल बनाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां सड़क पर नजर आईं. इस दौरान विपक्षी दलों ने सरकार विरोधी नारे लगाए.

जानकारी देते विपक्षी दल के नेता


बंद को झारखंड में राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन दिया. जेएमएम, जेवीएम, आरजेडी, कांग्रेस समेत बीएसपी तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता हाथ मे बैनर पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे. देवघर में सुबह कुछ देर के लिए मुख्य बाजार बंद करवाया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद बंदी का असर कम होता दिखाई देने लगा.बाजार फिर से पहले की ही तरह गुलजार नजर आए. आम लोग भी अपने-अपने दिनचर्या में जुटे दिखाई दिए.


सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले पर राहत देने के बावजूद भी आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदाय अपने भारत बंद के फैसले पर कायम है. मंगलवार को उन्होंने भारत बंद बुलाया. दरअसल, आदिवासियों का कहना है कि ये केवल फौरी राहत है और वन अधिकार अधिनियम के तहत इसे कभी भी पलटा जा सकता है.

Intro:देवघर 13 पॉइन्ट रोस्टर के विरोध में बंद का मिलाजुला असर, बंद के समर्थन में पूरा विपक्ष सड़क पर।




Body:एंकर देवघर 13 पॉइन्ट रोस्टर के विरोध में आदिवासियों और दलितों द्वार बुलाई गए भारत बंद का देवघर में मिला जुला असर देखने को मिला। बंद के समर्थन में जेएमएम, जेवीएम, आरजेडी, कांग्रेस समेत बीएसपी तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता हाथ मे बैनर पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मुख्य बाजार बंद करवाया लेकिन, कुछ ही देर बाद बंदी का असर कम होता दिखाई देने लगा।  बाज़र फिर से पहले की ही तरह गुलज़ार नज़र आये और आम लोग भी अपने अपने दिनचर्या में जुटे दिखाई दिए। आपको बता दें कि, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह जुलूस निकाल कर निकाल और नारेबाज़ी की।


Conclusion:आपको बता दें कि,  सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले पर राहत देेने के बावजूद भी आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदाय अपने भारत बंद के फैसले पर कायम हैं, और आज उन्होने भारत बंद बुलाया है। दरअसल, आदिवासियों का कहना है कि ये केवल फौरी राहत है और वन अधिकार अधिनियम के तहत इसे कभी भी पलटा जा सकता है। आदिवासी समूह की मांग है कि, केंद्र उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अध्‍यादेश लाए।

बाइट बजरंगी महथा दलित bsp नेता।
बाइट सुरेश साह jmm नेता।
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