गिरिडीहः जिन सहायक पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को गिरिडीह के एसपी ने समझाकर रांची जाने से रोका था. उनमें से अधिकांश कर्मी शुक्रवार की देर रात को ही रांची पहुंच गए. शनिवार की सुबह इन कर्मियों ने फोटो और वीडियो भी शेयर किया. यह भी बताया कि गिरिडीह में उनके कुछ साथी वहां के अधिकारियों से बात करेंगे.
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आरक्षी पद पर नियुक्ति किये जाने की मांग को लेकर सहायक पुलिसकर्मी 4 सितंबर से ही आंदोलन पर हैं. इनकी तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया गया है. इसके साथ ही राजभवन के साथ-साथ सीएम आवास का घेराव करने की भी घोषणा की गयी है. इस घोषणा के तहत शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मी पैदल ही रांची के लिए निकले. हालांकि, रास्ते में एसपी अमित रेणु और डीएसपी संतोष मिश्र समेत अन्य अधिकारियों ने इन्हें समझाया. एसपी ने वार्ता की ओर इन्हें वापस पुलिस लाइन भी लाया गया. पुलिस लाइन में भी बातचीत हुई. इसके बाद रात 9 से सुबह 4 बजे तक अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर सहायक पुलिसकर्मी रांची के लिए रवाना हुए.
क्या है पूरा आंदोलन
सहायक पुलिस कर्मियों का कहना है कि गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड, रांची और पुलिस महानिरीक्षक की ओर से निर्गत आदेश के आलोक में राज्य के बारह अतिनक्सल प्रभावित जिलों में 2,500 सहायक पुलिस कर्मियों की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है. जिसका मानदेय मात्र 10 हजार रुपए है. नियुक्ति के बाद उस वक्त की रघुवर सरकार ने कहा था कि तीन वर्ष सेवा होने के बाद सहायक पुलिस कर्मियों को झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर सीधी नियुक्ति कर दी जाएगी, इसका विज्ञापन में भी उल्लेख है. इसके बाद भी वर्तमान झारखंड सरकार का रवैया सहायक पुलिस कर्मियों के प्रति काफी उदासीन है. बताया कि काला बिल्ला लगाकर काम करने व हड़ताल में जाने के बाद भी सरकार ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया है.