रांची: आजसू भले ही एनडीए घटक दल के रूप में प्रदेश की एक लोकसभा सीट जीत ली हो, लेकिन वह अपने उन मुद्दों पर अभी भी कायम है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अभी भी वह मुद्दे जस के तस हैं. उनमें समझौता नहीं हो सकता.
स्थानीयता नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और नियोजन नीति जैसे मुद्दों पर पिछले 4 साल से लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाली एनडीए की सहयोगी आजसू पार्टी अभी शांत बैठने के मूड में नहीं है. भगत ने कहा कि वैसे सारे मुद्दे जो अब तक सदन में नहीं उठे थे अब दिल्ली में पार्टी के सांसद उठाएंगे. भगत ने स्पष्ट कहा कि चाहे वह झारखंड को विशेष राज्य देने का मामला हो या अन्य मुद्दे उन सभी पर पार्टी संसद में अपनी बात रखेगी.
वहीं, आजसू को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस ने साफ कहा कि आजसू पार्टी दोहरी राजनीति करती है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि आजसू पार्टी शुरू से ही सरकार के साथ रहकर सरकार का विरोध करती आई है. शाहदेव ने कहा कि एक तरफ जिन मुद्दों पर आजसू पार्टी के कोटे से मंत्री मुहर लगाते हैं. उन्हीं मुद्दों के खिलाफ पार्टी प्रमुख सुदेश महतो लोगों के बीच स्वराज यात्रा निकालते हैं. शाहदेव ने कहा कि अब लोग आजसू पार्टी के इस दोहरे चरित्र को अच्छे से जान गई है.
बता दें कि आजसू राज्य गठन से लेकर अब तक बीजेपी के साथ है, लेकिन 2014 में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार के कई निर्णय के खिलाफ पार्टी ने सड़क पर उतर कर आंदोलन किया. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह 81 विधानसभा सीटों पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी, लेकिन लोकसभा चुनाव में गिरिडीह लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने के बाद पार्टी अपने उस बयान से पलट गई है. फिलहाल राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को आजसू पार्टी के चार विधायकों का समर्थन है.