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पश्चिम सिंहभूम में भी सुलग रही पत्थलगड़ी की आग, सरकारी योजनाओं का बहिष्कार कराने में जुटे समर्थक

खूंटी जिले से पत्थलगड़ी के नाम पर सुलगी आग अब पश्चिम सिंहभूम में भी दिखने लगी है. पत्थलगड़ी समर्थक भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करने को लेकर प्रेरित करने लगे हैं. चाईबासा में आयोजित मासिक प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत के सवाल पर उपायुक्त ने यह बात मानी कि पूर्व के दिनों में हुए पत्थलगड़ीकांड में शामिल असामाजिक तत्व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों में अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से उन्हें भड़का रहे हैं.

जानकारी देते उपायुक्त अरवा राजकमल
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Published : Jun 30, 2019, 1:57 AM IST

Updated : Jun 30, 2019, 3:00 AM IST

चाईबासा: खूंटी जिले से पत्थलगड़ी के नाम पर सुलगी आग अब पश्चिम सिंहभूम में भी दिखने लगी है. पत्थलगड़ी समर्थक भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करने को लेकर प्रेरित करने लगे हैं. ताजा मामला बंदगांव प्रखंड का है. पत्थलगड़ीकांड से जुड़े कई असामाजिक तत्व जिन पर पहले से ही मामले दर्ज हैं. वैसे लोग ग्रामीणों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलने वाली राशि एवं उसके लाभ को नहीं लेने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं.

जानकारी देते उपायुक्त अरवा राजकमल


पत्थलगड़ी को लेकर फिर से सुलग रही आग की खबर से सरकार एवं प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं. चाईबासा में आयोजित मासिक प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत के सवाल पर उपायुक्त ने यह बात मानी कि पूर्व के दिनों में हुए पत्थलगड़ीकांड में शामिल असामाजिक तत्व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों में अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से उन्हें भड़का रहे हैं. इसके साथ ही समाज से बहिष्कार करने का भय दिखाकर सरकारी योजनाओं को बहिष्कार करने के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं.


जांच के दौरान सामने आई बात
जिला उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन के द्वारा जांच करने के क्रम में यह बात सामने आई कि पत्थलगड़ी समर्थक अपना प्रभाव जमाने के लिए पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती क्षेत्रों के अंतर्गत गांव के ग्रामीणों को डरा धमकाकर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि छीन लिए थे. जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पड़ने वाले गांव के ग्रामीणों को कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा यह समझाया जा रहा है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत एक एकड़ तक पांच हजार रुपए किसानों को दिए जा रहे हैं. 1 एकड़ से अधिक राशि pro-rata के आधार पर दी जाएगी. इस योजना के तहत अधिकतम 25000 की राशि दी जाएगी, जिसके बाद ग्रामीणों से उनकी जमीन सरकार के अधीन चली जाएगी.


इसे लेकर जिला प्रशासन काफी सतर्क है और गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों को आधार, वोटर और राशन कार्ड आदि मुहैया करवा रही है. आने वाले दिनों में ऐसे असामाजिक तत्वों को जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों के सहयोग से पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात भी कह रही है. उपायुक्त ने कहा कि खूंटी जिले के ग्रामीणों को पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा दिग्भ्रमित किया गया था. उस प्रकार की स्थिति पश्चिम सिंहभूम जिले में नहीं है. इसके साथ ही गांव के मुंडा मानकी द्वारा पिछले महीने बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों एवं अन्य असामाजिक तत्व के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.


पत्थलगड़ी समर्थक कर चुके हैं यह घटना
बता दें कि कुछ महीने पहले पत्थलगड़ी की आग खूंटी एवं आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त तरीके से सुलगी थी और लोग पत्थलगड़ी जैसी रूढ़ीवादी परंपरा को मानते हुए सभी सरकारी योजना एवं भारतीय संविधान की व्यवस्था को बहिष्कार करने लगे थे. सरकारी पदाधिकारी एवं पुलिस को जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी. इसी क्रम में खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के कई अंगरक्षकों को भी पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा अगवा कर लिया गया था, लेकिन सरकार एवं प्रशासन के दबाव के कारण पत्थलगड़ी समर्थकों को उन्हें मुक्त करना पड़ा था.

चाईबासा: खूंटी जिले से पत्थलगड़ी के नाम पर सुलगी आग अब पश्चिम सिंहभूम में भी दिखने लगी है. पत्थलगड़ी समर्थक भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करने को लेकर प्रेरित करने लगे हैं. ताजा मामला बंदगांव प्रखंड का है. पत्थलगड़ीकांड से जुड़े कई असामाजिक तत्व जिन पर पहले से ही मामले दर्ज हैं. वैसे लोग ग्रामीणों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलने वाली राशि एवं उसके लाभ को नहीं लेने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं.

जानकारी देते उपायुक्त अरवा राजकमल


पत्थलगड़ी को लेकर फिर से सुलग रही आग की खबर से सरकार एवं प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं. चाईबासा में आयोजित मासिक प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत के सवाल पर उपायुक्त ने यह बात मानी कि पूर्व के दिनों में हुए पत्थलगड़ीकांड में शामिल असामाजिक तत्व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों में अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से उन्हें भड़का रहे हैं. इसके साथ ही समाज से बहिष्कार करने का भय दिखाकर सरकारी योजनाओं को बहिष्कार करने के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं.


जांच के दौरान सामने आई बात
जिला उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन के द्वारा जांच करने के क्रम में यह बात सामने आई कि पत्थलगड़ी समर्थक अपना प्रभाव जमाने के लिए पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती क्षेत्रों के अंतर्गत गांव के ग्रामीणों को डरा धमकाकर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि छीन लिए थे. जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पड़ने वाले गांव के ग्रामीणों को कुछ पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा यह समझाया जा रहा है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत एक एकड़ तक पांच हजार रुपए किसानों को दिए जा रहे हैं. 1 एकड़ से अधिक राशि pro-rata के आधार पर दी जाएगी. इस योजना के तहत अधिकतम 25000 की राशि दी जाएगी, जिसके बाद ग्रामीणों से उनकी जमीन सरकार के अधीन चली जाएगी.


इसे लेकर जिला प्रशासन काफी सतर्क है और गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों को आधार, वोटर और राशन कार्ड आदि मुहैया करवा रही है. आने वाले दिनों में ऐसे असामाजिक तत्वों को जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों के सहयोग से पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात भी कह रही है. उपायुक्त ने कहा कि खूंटी जिले के ग्रामीणों को पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा दिग्भ्रमित किया गया था. उस प्रकार की स्थिति पश्चिम सिंहभूम जिले में नहीं है. इसके साथ ही गांव के मुंडा मानकी द्वारा पिछले महीने बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों एवं अन्य असामाजिक तत्व के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.


पत्थलगड़ी समर्थक कर चुके हैं यह घटना
बता दें कि कुछ महीने पहले पत्थलगड़ी की आग खूंटी एवं आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त तरीके से सुलगी थी और लोग पत्थलगड़ी जैसी रूढ़ीवादी परंपरा को मानते हुए सभी सरकारी योजना एवं भारतीय संविधान की व्यवस्था को बहिष्कार करने लगे थे. सरकारी पदाधिकारी एवं पुलिस को जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी. इसी क्रम में खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के कई अंगरक्षकों को भी पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा अगवा कर लिया गया था, लेकिन सरकार एवं प्रशासन के दबाव के कारण पत्थलगड़ी समर्थकों को उन्हें मुक्त करना पड़ा था.

Intro:चाईबासा। खूंटी जिले से पत्थलगड़ी के नाम पर सुलगी आग अब पश्चिम सिंहभूम में भी दिखने लगा है। पत्थलगड़ी समर्थक भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करने को लेकर ग्रामीणों को प्रेरित करने लगे हैं। ताजा मामला बंदगांव प्रखंड में हुए एक घटनाक्रम से यह बात सामने आई कि पत्थलगड़ी कांड से जुड़े कई असामाजिक तत्व जिन पर पहले से ही मामले दर्ज हैं। वैसे लोग ग्रामीणों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलने वाली राशि एवं उसके लाभ को नहीं लेने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं। पत्थलगड़ी को लेकर फिर से सुलग रही आग की खबर से सरकार एवं प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं।




Body:समाज से बहिष्कार करने का भय दिखा रहे हैं पत्थलगड़ी समर्थक -
जिले में आयोजित मासिक प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत के सवाल पर उपायुक्त ने यह बात माना कि पूर्व के दिनों में हुए पत्थलगड़ी कांड में शामिल असामाजिक तत्व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों में अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से उन्हें भड़का रहे हैं। साथ ही समाज से बहिष्कार करने का भय दिखाकर सरकारी योजनाओं को बहिष्कार करने के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं।

जांच के क्रम में सामने आई यह बात-
जिला उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन के द्वारा जांच करने के क्रम में यह बात सामने आई कि पत्थलगड़ी समर्थक अपना प्रभाव जमाने के लिए पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों के अंतर्गत गांव के ग्रामीणों को डरा धमका कर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि छीन लिए थे।

भ्रमित कर रहे हैं पत्थलगड़ी समर्थक-
जिले के बंदगांव एवं गुदड़ी प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पड़ने वाले गांव के ग्रामीणों को कुछ पत्थलगड़ी समर्थको द्वारा यह समझाया जा रहा है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 एकड़ तक 5000 रुपए किसानों को दिए जा रहे हैं और 1 एकड़ से अधिक राशि pro-rata के आधार पर दी जाएगी इस योजना के तहत अधिकतम 25000 की राशि दी जाएगी जिसके बाद ग्रामीणों से उनकी जमीन सरकार के अधीन चली जाएगी।

जिला प्रशासन कैंप लगाकर मुहैया करवा रही ग्रामीणों के कार्ड -
जिसे लेकर जिला प्रशासन काफी सतर्क है और गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों को आधार, वोटरर व राशन कार्ड आदि मुहैया करवा रही है। साथ ही साथ आने वाले दिनों में ऐसे असामाजिक तत्वों को जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ के जवानों के सहयोग से पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात भी कह रही है।

पत्थलगड़ी समर्थकों को नहीं मिलेगा ग्रामीण मुंडाओं का समर्थन-
जिला उपायुक्त ने कहा कि खूंटी जिले के ग्रामीणों को पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा दिग्भ्रमित किया गया था उस प्रकार की स्थिति पश्चिम सिंहभूम जिले में नहीं है इसके साथ ही गांव के मुंडा मानकी द्वारा विगत माह बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि पत्थलगड़ी समर्थकों एवं अन्य असामाजिक तत्व के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों के मुंडाओं का समर्थन उन्हें नहीं मिलेगा।

पत्थलगड़ी समर्थक कर चुके हैं यह घटना-
बता दे कि कुछ माह पूर्व पत्थलगड़ी की आग खूंटी एवं आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त तरीके से सुलगी थी और लोग पत्थलगड़ी जैसी रूढ़ीवादी परंपरा को मानते हुए सभी सरकारी योजना एवं भारतीय संविधान की व्यवस्था को बहिष्कार करने लगे थे।
जहां सरकारी पदाधिकारी एवं पुलिस को जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी। इसी क्रम में खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के कई अंगरक्षकों को भी पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा अगवा कर लिया गया था लेकिन सरकार एवं प्रशासन कि दबाव के कारण पत्थलगड़ी समर्थकों को उन्हें मुक्त करना पड़ा था। जिसके तहत कई लोगों पर देशद्रोह एवं सुसंगत धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए थे।

बाइट 1 - जिला उपायुक्त अरवा राजकमल





Conclusion:
Last Updated : Jun 30, 2019, 3:00 AM IST
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