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ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ के 52 मजदूर मुक्त, 6 महीने से ईंट भट्ठा में थे बंधक

हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया में ईंट भट्ठा से छत्तीसगढ़ के 52 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया. बंधुआ मजदूरों का कहना है कि उनलोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया था, लेकिन इस सुदूरवर्ती जंगल के ईंट भट्ठों में 6 महीना से बंधक बनाकर रखा गया है.

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Published : Apr 18, 2019, 10:08 PM IST

हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया के एक ईंट भट्ठा में छत्तीसगढ़ बिलासपुर के 52 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया. बंधुआ मजदूरों का कहना है कि उनलोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया था, लेकिन इस सुदूरवर्ती जंगल के ईंट भट्ठों में दुर्गापूजा के समय से बंधक बनाकर रखा गया है.

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ईंट बनाने के एवज में मजदूरी तो दूर महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार भट्ठा मालिकों द्वारा की जाती है. भट्ठा मालिक बड़कागांव थाना क्षेत्र के चौपदार बलिया गांव के मो. नवाज, पप्पू और मो. सजली का नाम मजदूरों ने बताया है. जो ठीक ढंग से मजदूरी तो क्या इन लोगों को खाने पीने के लिए खर्च भी नहीं देता था.


थक हार कर सभी मजदूरों ने पास के गांव खराटी काली मंदिर के प्रांगण में जाकर सरण लिया और ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ भेजा गया. इस संबंध में बड़कागांव प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.

हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया के एक ईंट भट्ठा में छत्तीसगढ़ बिलासपुर के 52 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया. बंधुआ मजदूरों का कहना है कि उनलोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया था, लेकिन इस सुदूरवर्ती जंगल के ईंट भट्ठों में दुर्गापूजा के समय से बंधक बनाकर रखा गया है.

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ईंट बनाने के एवज में मजदूरी तो दूर महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार भट्ठा मालिकों द्वारा की जाती है. भट्ठा मालिक बड़कागांव थाना क्षेत्र के चौपदार बलिया गांव के मो. नवाज, पप्पू और मो. सजली का नाम मजदूरों ने बताया है. जो ठीक ढंग से मजदूरी तो क्या इन लोगों को खाने पीने के लिए खर्च भी नहीं देता था.


थक हार कर सभी मजदूरों ने पास के गांव खराटी काली मंदिर के प्रांगण में जाकर सरण लिया और ग्रामीणों के सहयोग से छत्तीसगढ़ भेजा गया. इस संबंध में बड़कागांव प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.

Intro:ईट भट्ठा में बंधुआ मजदूर बनाकर काम करा रहे 52 हिन्दू मजदूरों को कराया गया मुक्त

सभी बंधुआ मजदूर छत्तीसगढ़ बिलासपुर का रहने वाले थे

बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया गांव के ईट भट्ठा मालिक मो सजल के भट्ठा में थे बंधुआ मजदूर

Body:बड़कागांव प्रखंड के चौपदार बलिया के एक ईंट भट्ठा में छत्तीसगढ़ बिलासपुर के 52 हिन्दू बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया। बंधुआ मजदूरों का कहना था कि हम लोगों को छत्तीसगढ़ से रांची शहर के आसपास में ईट भट्ठा में काम करने की बात कह कर लाया गया। लेकिन इस सुदूर वर्ती जंगल के ईट भट्ठों में दुर्गा पूजा के समय से बंधक बनाकर रखा गया है। ईट बनाने के एवज में मजदूरी तो दूर महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार भट्ठा मालिकों द्वारा की जाती है। भट्ठा मालिक बड़कागांव थाना क्षेत्र के चौपदार बलिया गांव के मो नवाज, पप्पू एवं मो सजली का नाम मजदूरों ने बताया है, जो ठीक ढंग से मजदूरी तो क्या इन लोगों को खाने पीने के लिए खर्च भी नहीं देता था। अंत में थक हार कर सभी मजदूरों ने पास के गांव खराटी काली मंदिर के प्रांगण में जाकर सरण लिया और ग्रामीणों के सहयोग के बाद थोड़ी- मोरी मजदूरी दिला कर वापस छत्तीसगढ़ भेजा गया। इस संबंध में बड़कागांव प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है।Conclusion:
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