नई दिल्ली: कटरा से बनिहाल के बीच लोगों की राह आसान होने जा रही है. इस सेक्शन में 27 सुरंग बनाकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए रेल लाइन बिछाई गई है. इस रेल लाइन के बीच चिनाब नदी के ऊपर विश्व का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज "चिनाब ब्रिज" बनाया गया है. इतना ही नहीं रेलवे ने पहली बार अंजी नदी के ऊपर केबल के स्पोर्ट से अंजी ब्रिज बनाया है. साल 2024 में इस रेल रूट पर ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है. इस रेल लाइन के प्रोजेक्ट का मॉडल दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में लगाया गया है.
कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबा रेल सेक्शन :
कोंकण रेलवे के चिनाब ब्रिज के एईएन सुप्रीत सिंह रैना ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट 272 किलोमीटर का है. इसके बीच का एक सेक्शन 111 किमी का है. यह सेक्शन बनिहाल तक है. कटरा से बनिहाल तक पहाड़ों के बीच सुरंग (टनल) बनाकर रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है. यह काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा और ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. इससे लाखों लोगों का सफर आसान हो जाएगा.
देश का पहला केबल ब्रिज जिसपर चलेगी ट्रेन: कटरा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर आगे पहली टनल शुरू होती है यहां तक का कार्य उत्तर रेलवे का है इसके आगे का कार्य कोंकण रेलवे द्वारा किया गया है. दूसरी टनल के पास अंजी रिवर है.अंजीर रिवर के ऊपर अंजी ब्रिज बनाया गया है. रेलवे के इतिहास में पहली बार केवल के सपोर्ट से ब्रिज बनाया गया है. इसकी ऊंचाई 193 मीटर है. 96 केबल को जोड़कर यह ब्रिज बनाया गया है. इस ब्रिज के बाद टनल 3 आएगी और इसके बाद रियासी रेलवे स्टेशन बनाया गया है जो रियासी जिले में है. इसके बाद टनल 5 से बाहर निकलने पर बक्कल गांव के पास सलाल रेलवे स्टेशन बनाया गया है.
यात्रियों को होगी सहूलियत, विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज से कटरा-बनिहाल के बीच चलेगी ट्रेन
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Published : Nov 18, 2023, 10:54 PM IST
Katra-Banihal Rail Project: भारतीय रेल ने कटरा से बनिहाल के बीच का सफर करने वालों की राह आसान कर दी है. यहां 111 किलोमीटर लंबा रेल सेक्शन बनकर तैयार है, जिसमें 27 सुरंग है और इसके अंदर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी. दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में इस रेलवे प्रोजेक्ट का मॉडल लगाया गया है.
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एफिल टावर से 25 मीटर ऊंचा चेनाब ब्रिज भी इसी रेल मार्ग पर : सलाल रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर आगे चिनाब नदी है. यह विश्व का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है. इसकी ऊंचाई 359 मीटर है. यह एफिल टावर से 25 मीटर ऊंचा ब्रिज है. कोंकण रेलवे ने इस ब्रिज का निर्माण पूरा कर दिया है. यह सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था. इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है.
यह ब्रिज अगले 120 साल के लिए बनाया गया है :आर्च की लंबाई 467 मीटर है. यह ब्रिज अगले 120 साल के लिए बनाया गया है. 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवा का इस ब्रिज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस चिनाब ब्रिज को पार करने के बाद टनल 6, 9, 10, 11, 12 हैं, टनल 13 के पास दुग्गा रेलवे स्टेशन बनाया गया है. इसके बाद संगलदान रेलवे स्टेशन आएगा. टनल 47 के बाद इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड का कार्य शुरू होता है. कटरा से बनिहाल के बीच इस रेल प्रोजेक्ट में 27 टनल और 37 ब्रिज हैं.
नई दिल्ली: कटरा से बनिहाल के बीच लोगों की राह आसान होने जा रही है. इस सेक्शन में 27 सुरंग बनाकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए रेल लाइन बिछाई गई है. इस रेल लाइन के बीच चिनाब नदी के ऊपर विश्व का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज "चिनाब ब्रिज" बनाया गया है. इतना ही नहीं रेलवे ने पहली बार अंजी नदी के ऊपर केबल के स्पोर्ट से अंजी ब्रिज बनाया है. साल 2024 में इस रेल रूट पर ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है. इस रेल लाइन के प्रोजेक्ट का मॉडल दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में लगाया गया है.
कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबा रेल सेक्शन :
कोंकण रेलवे के चिनाब ब्रिज के एईएन सुप्रीत सिंह रैना ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट 272 किलोमीटर का है. इसके बीच का एक सेक्शन 111 किमी का है. यह सेक्शन बनिहाल तक है. कटरा से बनिहाल तक पहाड़ों के बीच सुरंग (टनल) बनाकर रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है. यह काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा और ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. इससे लाखों लोगों का सफर आसान हो जाएगा.
देश का पहला केबल ब्रिज जिसपर चलेगी ट्रेन: कटरा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर आगे पहली टनल शुरू होती है यहां तक का कार्य उत्तर रेलवे का है इसके आगे का कार्य कोंकण रेलवे द्वारा किया गया है. दूसरी टनल के पास अंजी रिवर है.अंजीर रिवर के ऊपर अंजी ब्रिज बनाया गया है. रेलवे के इतिहास में पहली बार केवल के सपोर्ट से ब्रिज बनाया गया है. इसकी ऊंचाई 193 मीटर है. 96 केबल को जोड़कर यह ब्रिज बनाया गया है. इस ब्रिज के बाद टनल 3 आएगी और इसके बाद रियासी रेलवे स्टेशन बनाया गया है जो रियासी जिले में है. इसके बाद टनल 5 से बाहर निकलने पर बक्कल गांव के पास सलाल रेलवे स्टेशन बनाया गया है.
एफिल टावर से 25 मीटर ऊंचा चेनाब ब्रिज भी इसी रेल मार्ग पर : सलाल रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर आगे चिनाब नदी है. यह विश्व का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है. इसकी ऊंचाई 359 मीटर है. यह एफिल टावर से 25 मीटर ऊंचा ब्रिज है. कोंकण रेलवे ने इस ब्रिज का निर्माण पूरा कर दिया है. यह सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था. इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है.
यह ब्रिज अगले 120 साल के लिए बनाया गया है :आर्च की लंबाई 467 मीटर है. यह ब्रिज अगले 120 साल के लिए बनाया गया है. 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवा का इस ब्रिज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस चिनाब ब्रिज को पार करने के बाद टनल 6, 9, 10, 11, 12 हैं, टनल 13 के पास दुग्गा रेलवे स्टेशन बनाया गया है. इसके बाद संगलदान रेलवे स्टेशन आएगा. टनल 47 के बाद इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड का कार्य शुरू होता है. कटरा से बनिहाल के बीच इस रेल प्रोजेक्ट में 27 टनल और 37 ब्रिज हैं.