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जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान पर रोक लगा दी. शीर्ष अदालत ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली.

jahangirpuri violence
जहांगीरपुरी हिंसा
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Published : Apr 20, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Apr 20, 2022, 12:59 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. पीठ ने कहा कि याचिका को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले पर सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी और जहांगीरपुरी के एसएचओ को लीगल नोटिस जारी किया है.

इस मामले पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम के द्वारा जहांगीरपुरी में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. अभी सिर्फ और सिर्फ गैरकानूनी तरीके से बनाई गई कबाड़ की दुकानों को हटाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर मेयर ने कहा कि कोर्ट के आदेशों का हम सम्मान करते हैं और उसका पालन किया जा रहा है. अभी तक सिर्फ अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ की कार्रवाई की गई है.

नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह (वीडियो)

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी सहित अन्य नगर निकायों के विशेष अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ दायर एक याचिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि निर्माण ढहाने के लिए पूरी तरह से अनधिकृत और असंवैधानिक आदेश दिया गया है. दवे ने आरोप लगाया कि निर्माण ढहाने की कार्रवाई बुधवार दोपहर दो बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह सुबह नौ बजे से ही प्रारंभ कर दी गई और कथित उल्लंघनकर्ताओं को इस बाबत कोई अनिवार्य नोटिस नहीं दिया गया है, जबकि 15 दिन का नोटिस जरूरी होता है. इस बीच, एनडीएमसी के मेयर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है.

इससे पहले, भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण-रोधी अभियान शुरू किया था. एनडीएमसी ने उत्तर पश्चिमी पुलिस उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा था कि एक विशेष संयुक्त अतिक्रमण-रोधी कार्यक्रम जहांगीरपुरी में निर्धारित है. एनडीएमसी सिविल लाइंस जोन के सहायक आयुक्त ने डीसीपी को लिखे पत्र में कहा, 'आप (पुलिस) से 20 अप्रैल या 21 अप्रैल को (सुबह 9.30 बजे से) अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिला पुलिस/बाहरी बल सहित कम से कम 400 पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है.'

जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि ये हमारा रूटीन का काम है कि जहां अवैध निर्माण और सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हो, वो जगह हम खाली करवाते हैं. आज भी हम वही काम करने वाले हैं. हमारा यही संदेश है कि लोग सार्वजनिक जमीन को फ्री छोड़ दें. बता दें, दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते शनिवार को हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हुए थे. पुलिस के अनुसार, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चला बुलडोजर

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. पीठ ने कहा कि याचिका को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले पर सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी और जहांगीरपुरी के एसएचओ को लीगल नोटिस जारी किया है.

इस मामले पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम के द्वारा जहांगीरपुरी में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. अभी सिर्फ और सिर्फ गैरकानूनी तरीके से बनाई गई कबाड़ की दुकानों को हटाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर मेयर ने कहा कि कोर्ट के आदेशों का हम सम्मान करते हैं और उसका पालन किया जा रहा है. अभी तक सिर्फ अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ की कार्रवाई की गई है.

नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह (वीडियो)

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी सहित अन्य नगर निकायों के विशेष अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ दायर एक याचिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि निर्माण ढहाने के लिए पूरी तरह से अनधिकृत और असंवैधानिक आदेश दिया गया है. दवे ने आरोप लगाया कि निर्माण ढहाने की कार्रवाई बुधवार दोपहर दो बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह सुबह नौ बजे से ही प्रारंभ कर दी गई और कथित उल्लंघनकर्ताओं को इस बाबत कोई अनिवार्य नोटिस नहीं दिया गया है, जबकि 15 दिन का नोटिस जरूरी होता है. इस बीच, एनडीएमसी के मेयर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है.

इससे पहले, भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण-रोधी अभियान शुरू किया था. एनडीएमसी ने उत्तर पश्चिमी पुलिस उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा था कि एक विशेष संयुक्त अतिक्रमण-रोधी कार्यक्रम जहांगीरपुरी में निर्धारित है. एनडीएमसी सिविल लाइंस जोन के सहायक आयुक्त ने डीसीपी को लिखे पत्र में कहा, 'आप (पुलिस) से 20 अप्रैल या 21 अप्रैल को (सुबह 9.30 बजे से) अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिला पुलिस/बाहरी बल सहित कम से कम 400 पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है.'

जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि ये हमारा रूटीन का काम है कि जहां अवैध निर्माण और सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हो, वो जगह हम खाली करवाते हैं. आज भी हम वही काम करने वाले हैं. हमारा यही संदेश है कि लोग सार्वजनिक जमीन को फ्री छोड़ दें. बता दें, दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते शनिवार को हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हुए थे. पुलिस के अनुसार, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चला बुलडोजर

Last Updated : Apr 20, 2022, 12:59 PM IST
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