ETV Bharat / bharat

Sri Lanka Update: PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, बवाल के बाद श्रीलंका में कर्फ्यू

पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में जारी आपातकाल के दौरान ही प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इससे द्वीपीय राष्ट्र में राजनैतिक संकट भी खड़ा हो गया है.

श्रीलंका
श्रीलंका
author img

By

Published : May 9, 2022, 4:18 PM IST

Updated : May 9, 2022, 7:28 PM IST

कोलंबो: श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाये जाने के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है. सरकार समर्थक समूहों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इस हमले में कम से कम 78 लोग घायल हो गए.

हिंसा सोमवार को इन खबरों के बाद हुई कि महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश सकते हैं क्योंकि उनके छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश में जारी भीषण आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने का दबाव है. एक पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा कि अगले नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है.

PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, बवाल के बाद श्रीलंका में कर्फ्यू

संयम बरतने की अपील: वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को जनता से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट के आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है.

राष्ट्रपति ने किया ट्वीट: राष्ट्रपति ने एक ट्वीट में कहा कि मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी. आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है. महिंदा राजपक्षे ने लोगों से संयम बरतने का भी आग्रह किया. ऑनलाइन समाचार पोर्टल डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज के पास प्रदर्शनस्थल मैनागोगामा के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया. इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गये.

मीडिया रिपोर्ट्स में क्या: हीरू न्यूज वेबसाइट के अनुसार पुलिस ने एसएलपीपी के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. वहीं अग्रणी समाचार नेटवर्क लंका फर्स्ट के अनुसार भीड़ ने टेंपल ट्रीज के सामने मौजूद तंबुओं को उखाड़ दिया. विपक्षी दल समागी जन बालवेगया के नेता साजिथ प्रेमदासा ने स्थिति का आकलन करने के लिए विरोध स्थल का दौरा किया. विपक्षी सूत्रों ने कहा कि प्रेमदासा और उनके सहयोगियों पर भी एक समूह ने हमला किया क्योंकि वह राष्ट्रपति सचिवालय के विरोध स्थल पर पहुंचे थे. विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाया. शुक्रवार को एक विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार मध्य रात्रि से आपातकाल की घोषणा कर दी थी. यह दूसरी बार है जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया.

यह भी पढ़ें- श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की घोषणा की

यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं.

कोलंबो: श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाये जाने के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है. सरकार समर्थक समूहों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इस हमले में कम से कम 78 लोग घायल हो गए.

हिंसा सोमवार को इन खबरों के बाद हुई कि महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश सकते हैं क्योंकि उनके छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश में जारी भीषण आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने का दबाव है. एक पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा कि अगले नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है.

PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, बवाल के बाद श्रीलंका में कर्फ्यू

संयम बरतने की अपील: वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को जनता से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट के आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है.

राष्ट्रपति ने किया ट्वीट: राष्ट्रपति ने एक ट्वीट में कहा कि मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी. आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है. महिंदा राजपक्षे ने लोगों से संयम बरतने का भी आग्रह किया. ऑनलाइन समाचार पोर्टल डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज के पास प्रदर्शनस्थल मैनागोगामा के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया. इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गये.

मीडिया रिपोर्ट्स में क्या: हीरू न्यूज वेबसाइट के अनुसार पुलिस ने एसएलपीपी के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. वहीं अग्रणी समाचार नेटवर्क लंका फर्स्ट के अनुसार भीड़ ने टेंपल ट्रीज के सामने मौजूद तंबुओं को उखाड़ दिया. विपक्षी दल समागी जन बालवेगया के नेता साजिथ प्रेमदासा ने स्थिति का आकलन करने के लिए विरोध स्थल का दौरा किया. विपक्षी सूत्रों ने कहा कि प्रेमदासा और उनके सहयोगियों पर भी एक समूह ने हमला किया क्योंकि वह राष्ट्रपति सचिवालय के विरोध स्थल पर पहुंचे थे. विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाया. शुक्रवार को एक विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार मध्य रात्रि से आपातकाल की घोषणा कर दी थी. यह दूसरी बार है जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया.

यह भी पढ़ें- श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की घोषणा की

यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं.

Last Updated : May 9, 2022, 7:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.