नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कल से नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल खुल रहे हैं. बता दें कि 9वीं से 12वीं तक के स्कूल को पहले ही खोल दिया गया था. इसको लेकर स्कूल प्रशासन की तरफ से पहले ही सभी स्कूलों में तैयारियां पूरी हो चुकी है और इसके साथ ही स्कूलों को सैनिटाइज भी किया जा चुका है. वहीं कल स्कूल खोलने को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के मालवीय नगर के पीटीएस कॉलोनी यानी कि पुलिस कॉलोनी में रहने वाले छात्रों से बात की तो उनका कहना था कि वह काफी खुश हैं लेकिन कई छात्रों के मन में डर अभी भी था.
ईटीवी भारत से बात करते हुए अभिभावकों ने बताया कि फैसला तो ठीक है कि दिल्ली में कल से स्कूल खुल रहे हैं. बच्चों में काफी खुशी है, लेकिन अभिभावकों के मन में एक डर यह भी है कि उनके छोटे बच्चे हैं. वह स्कूल में कैसे भेजें उन्हें डर इस बात का है बड़ा बेटा सिक्स क्लास में पढ़ता है. समझदार है, लेकिन छोटा बच्चा इतना समझदार नहीं है.
इसलिए वह अभी छोटे बच्चे को अपने स्कूल में नहीं भेजेंगे, लेकिन जो बड़ा बच्चा है. उनका 6th क्लास में पढ़ता है. उसे स्कूल भेज देंगे.पुलिस कॉलोनी में रहने वाले छोटे बच्चों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन अगर कल से स्कूल खुल रहे हैं तो बच्चों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही थी बच्चे कह रहे थे कि हम स्कूल जाएंगे. हमें स्कूल जाना अच्छा लगता है पिछले 2 साल से हम बिल्कुल भी स्कूल नहीं गए हैं.
इतना ही नहीं हमारा समय के साथ पढ़ाई भी पूरी तरह से बर्बाद हुई है. इसलिए उन्हें खुशी भी है लेकिन बच्चे यह भी मांग कर रहे हैं कि उनके लिए भी वैक्सीन की डोज आए और उन्हें कोरोना का टीका लगाया जाए. तभी से अपील करेंगे अन्यथा उनके मन में भी यही डर है कि उन्हें कोरोना की बीमारी ना हो जाए. राजधानी दिल्ली में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खुलेंगे. स्कूलों में छात्रों को बुलाने के लिए कक्षा का सैनिटाइजेशन छात्रों के बैठने की व्यवस्था और वाहन सुविधाओं को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. प्रधानाचार्य के मुताबिक अच्छा ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से संचालित की जाएंगी.
ऐसे में छात्र अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूल आ सकेंगे अगर अभिभावक कोरोना संक्रमण की वजह से छात्रों को स्कूल जाने के लिए अनुमति नहीं देंगे तो स्कूल प्रशासन छात्र पर स्कूल आने के लिए दवाब नहीं बनाएगा. वैसे हर कक्षा में सीटों के अनुपात में 50% छात्रों को ही बैठने की अनुमति दी जाएगी. वहीं स्कूल वाहन को लेकर अभी भी स्कूलों में तैयारियां चल रही है.