नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प. बंगाल सरकार की उस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने शुभेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. यह कंबल वितरण कार्यक्रम था, जिसमें भगदड़ मच गई थी. कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में जाने को कहा.
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SC refuses to entertain plea by WB govt seeking to register FIR regarding stampede at blanket distribution event organised by BJP leader Suvendu Adhikari in WB. State govt to withdraw the plea. SC grants liberty to WB Govt to move to Calcutta HC for appropriate directions. pic.twitter.com/fJDZfiM11f
— ANI (@ANI) December 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 15, 2022SC refuses to entertain plea by WB govt seeking to register FIR regarding stampede at blanket distribution event organised by BJP leader Suvendu Adhikari in WB. State govt to withdraw the plea. SC grants liberty to WB Govt to move to Calcutta HC for appropriate directions. pic.twitter.com/fJDZfiM11f
— ANI (@ANI) December 15, 2022
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बुधवार को बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई. इस दौरान 3 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है. भगदड़ की घटना में 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों को आसनसोल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
शुभेंदु अधिकारी के इस कार्यक्रम में से जाने के बाद कंबल लेने के लिए जमा हुई भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. घटना आसनसोल उत्तर पुलिस थाना अंतर्गत आसनसोल नगर निगम के वार्ड नंबर 27 के रामकृष्ण दंगल इलाके में हुई. मृतकों की पहचान चांदमणि देवी (55), झाली बाउरी (60) के रूप में हुई है. आरोप लगाया गया है कि बीजेपी नेता अधिकारी ने सभा के लिए पुलिस से अनुमति नहीं ली थी.
आसनसोल के पुलिस कमिश्नर सुधीर कुमार नीलकांतम ने बताया कि इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी. बीजेपी नेता के कार्यक्रम के जानकारी भी पुलिस को नहीं थी. सोशल मीडिया में कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुंची. कलेक्टर एस अरुण प्रसाद ने कहा कि घटना में मारे गए लोगों को परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शासन से बात करेंगे. घायलों के उपचार का खर्चा राज्य शासन के द्वारा वहन किया जाएगा.
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