कोच्चि : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (शुक्रवार) कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के दौरे के दौरान निर्माणाधीन पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आइएसी) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा, अगले साल स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की शुरुआत भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर सही मायने में एक उपहार होगा.
उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत के शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ जाएगी. समुद्री क्षेत्रों में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) को अगले साल नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा. आईएसी के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के बाद एक बयान में राजनाथ ने इसे भारत का गौरव और आत्मनिर्भर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण बताया.
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Kochi: Defence Minister Rajnath Singh arrives for his visit onboard Indigenous Aircraft Carrier (IAC) which is in advanced stages of construction by the Indian Navy pic.twitter.com/KhRemfCEos
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रक्षा मंत्री ने कहा, मैं जब इस प्रोजेक्ट का हवाई सर्वेक्षण कर रहा था, तो मैं इसकी प्रगति और इसका भविष्य स्पष्ट देख रहा था. मुझे बताया गया, कि इस प्रॉजेक्ट में देश की पहली सी-लिफ्ट फैसिलिटी तैयार हो चुकी है. आने वाले समय में यह एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस बनने जा रहा है. इसके लिए मैं नौसेना परिवार और समस्त देशवासियों को अग्रिम बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा, आईएसी को अगले साल बेड़े में शामिल करना, भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर एक बड़ा तोहफा होगा.
सिंह ने कहा, आधुनिकीकरण के लिए हमारा प्रोत्साहन, भारत के स्वदेशी उद्योग और जानकारी का उपयोग करना एक प्रमुख प्राथमिकता है. भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे 44 युद्धपोतों में से 42 इस बात का प्रमाण हैं.