नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री को अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचना चाहिए और किसानों को उनका अधिकार देना चाहिए.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं, और 'झूठ' टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है. ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर. जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए.'
-
अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
और
‘झूठ’ टीवी पर भाषण!
किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
">अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020
और
‘झूठ’ टीवी पर भाषण!
किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020
और
‘झूठ’ टीवी पर भाषण!
किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वाराणसी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसानों के प्रदर्शन पर कहा था, 'मुझे ऐहसास है कि दशकों का छलावा किसानों को आशंकित करता है, लेकिन अब छल से नहीं गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है. वादों को जमीन पर उतारने के इसी ट्रैक रिकॉर्ड के बल पर किसानों के हित में नए किसान सुधार कानून लाए गए हैं. किसानों को न्याय दिलाने में ये कितने काम आ रहे हैं, ये आने वाले दिनों में हम जरूर अनुभव करेंगे.'
पढ़ें- किसानों का प्रदर्शन ः राहुल बोले- याद रखें पीएम, ये तो शुरुआत है
सोमवार को भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर किसान आंदोलन का समर्थन किया था. उन्होंने लिखा, देश का किसान काले कृषि कानूनों के ख़िलाफ ठंड में, अपना घर-खेत छोड़कर दिल्ली तक आ पहुंचा है. सत्य और असत्य की लड़ाई में आप किसके साथ खड़े हैं- अन्नदाता किसान या PM के पूँजीपति मित्र?