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कैप्टन अमरिंदर ने सीएम पद से दिया इस्तीफा, बोले- अपमानित महसूस कर रहा था - Punjab Congress

अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह
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Published : Sep 18, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 6:23 PM IST

16:18 September 18

पंजाब सीएम का इस्तीफा

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर का बयान

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने चंडीगढ़ स्थित राजभवन में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कैप्टन अमरिंदर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है.

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि कुछ महीनों में तीन बार विधायकों की बैठक बुलाने के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया.

राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर ने यह भी कहा कि वह अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं.

अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस अलाकमान जिसे चाहे, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है. उन्होंने कहा, मेरा फैसला आज सुबह हो गया था. मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनसे कह दिया था कि इस्तीफा दे रहा हूं.

सिंह के अनुसार, यह तीसरी बार हो रहा है. पहले विधायकों को बुलाया, दूसरी बार बुलाया और तीसरी बार बैठक कर रहे हैं. मैं अपमानित महसूस करता हूं. मेरे ऊपर अगर संदेह है तो ऐसे में मैने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया जाए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को जिस पर भरोसा हो, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है.

यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो अमरिंदर सिंह ने कहा, 'मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा.'

इस सवाल पर कि क्या वह नए मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे.

उन्होंने जोर देकर कहा, 'जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति है, विकल्प है, तो समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा. मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा.'

समर्थकों के साथ बैठक कर लिया इस्तीफा देने का फैसला

इससे पहले, कई विधायकों ने सीएम अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को सीएम पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. पार्टी आलाकमान का निर्देश मिलने के बाद कैप्टन अमरिंदर ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर समर्थक विधायकों के साथ बैठक की और इस्तीफा देने का फैसला किया.

इस बीच, विधायक दल की बैठक के लिए कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश चौधरी तथा पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. चंडीगढ़ पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका स्वागत किया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम पांच बजे होनी है.

सूत्रों के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी से बात की और बार-बार हो रहे 'अपमान' को लेकर नाराजगी और नाखुशी जताई थी. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए.

सूत्रों का यह भी कहना है कि यह संकट गंभीर है क्योंकि बहुत सारे विधायकों ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की थी.

विधायकों ने अपने पत्र में सोनिया गांधी से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की थी. पार्टी आलाकमान ने शनिवार शाम बैठक बुलाने का निर्देश दिया और वरिष्ठ नेताओं - अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया.

यह भी पढ़ें- मास्टर मोहन लाल ने अमरिंदर सिंह को भाजपा में आमंत्रित किया, कैप्टन को बताया शरीफ

16:18 September 18

पंजाब सीएम का इस्तीफा

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर का बयान

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने चंडीगढ़ स्थित राजभवन में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कैप्टन अमरिंदर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है.

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि कुछ महीनों में तीन बार विधायकों की बैठक बुलाने के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया.

राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर ने यह भी कहा कि वह अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं.

अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस अलाकमान जिसे चाहे, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है. उन्होंने कहा, मेरा फैसला आज सुबह हो गया था. मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनसे कह दिया था कि इस्तीफा दे रहा हूं.

सिंह के अनुसार, यह तीसरी बार हो रहा है. पहले विधायकों को बुलाया, दूसरी बार बुलाया और तीसरी बार बैठक कर रहे हैं. मैं अपमानित महसूस करता हूं. मेरे ऊपर अगर संदेह है तो ऐसे में मैने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया जाए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को जिस पर भरोसा हो, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है.

यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो अमरिंदर सिंह ने कहा, 'मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा.'

इस सवाल पर कि क्या वह नए मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे.

उन्होंने जोर देकर कहा, 'जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति है, विकल्प है, तो समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा. मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा.'

समर्थकों के साथ बैठक कर लिया इस्तीफा देने का फैसला

इससे पहले, कई विधायकों ने सीएम अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को सीएम पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. पार्टी आलाकमान का निर्देश मिलने के बाद कैप्टन अमरिंदर ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर समर्थक विधायकों के साथ बैठक की और इस्तीफा देने का फैसला किया.

इस बीच, विधायक दल की बैठक के लिए कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश चौधरी तथा पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. चंडीगढ़ पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका स्वागत किया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम पांच बजे होनी है.

सूत्रों के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी से बात की और बार-बार हो रहे 'अपमान' को लेकर नाराजगी और नाखुशी जताई थी. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए.

सूत्रों का यह भी कहना है कि यह संकट गंभीर है क्योंकि बहुत सारे विधायकों ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की थी.

विधायकों ने अपने पत्र में सोनिया गांधी से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की थी. पार्टी आलाकमान ने शनिवार शाम बैठक बुलाने का निर्देश दिया और वरिष्ठ नेताओं - अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया.

यह भी पढ़ें- मास्टर मोहन लाल ने अमरिंदर सिंह को भाजपा में आमंत्रित किया, कैप्टन को बताया शरीफ

Last Updated : Sep 18, 2021, 6:23 PM IST
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