नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित 'आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात सालों में तीन करोड़ लोगों को पक्का घर दिया और उन्हें लखपति बना दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इनमें से अधिकांश घरों का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर है. पीएम ने कहा कि गरीब लोगों का अपना घर होने का सपना होता है.
पीएम ने कहा कि इस साल सरकार 80 लाख पक्का घर बनाकर गरीबों को देगी. इसके लिए सरकार ने 48 हजार करोड़ का आवंटन किया है. मोदी ने कहा कि गरीबों को गरीबी से बाहर निकालने का यह भी एक तरीका है. उन्होंने जनधन खाते का भी जिक्र किया. पीएम ने कहा कि गरीब लोगों का भी सम्मान बढ़ा, जब उन्हें अपने नाम से बैंक अकाउंट मिल गया.
भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि जब एक जन-धन खाता गरीब लोगों के जीवन को बदल सकता है, तो एक छत, एक घर उनके जीवन में क्या बदलाव लाएगा, यह सबके लिए देखने वाली बात होगी. सरकार गरीबों के लिए एक तरह से जो घर बनाती है, वह उन्हें 'लखपति' बना देती है. पीएम ने कहा कि जब मैं छोटा था तो लखपति शब्द बहुत अजीब लगता था, लेकिन जो मकान हमने गरीबों को दिए हैं, उसे उसकी कीमत की दृष्टि से देखें तो पिछले सात वर्षों में हमने उन्हें लखपति ही बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) ने बुधवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जैसे पूरी दुनिया बदल गई थी, उसी प्रकार कोरोना महामारी (Corona pandemic ) के बाद भी दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है और एक नयी विश्व व्यवस्था तैयार होगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम 'आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना का यह कालखंड पूरी दुनिया के लिए एक प्रकार से क्रांतिकारी परिवर्तन है.
उन्होंने कहा, 'आगे जो दुनिया हम देखने वाले हैं, वह वैसी नहीं होगी जैसी कोरोना काल से पहले थी. जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया बदल गई, वैसे ही कोरोना के बाद दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है. एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की संभावना है.' वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में सरकार ने जो निर्णय लिए और जो नीतियां बनाईं तथा पहले की जिन नीतियों में सुधार किए, उसकी वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘सात-आठ साल पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए था. आज भारत की अर्थव्यवस्था 2 लाख 30 हजार करोड़ के आसपास की है.' उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए नए सिरे से तैयारी का, नए अवसरों का और नए संकल्पों की सिद्धि का है. उन्होंने कहा, 'बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो.'
बजट घोषणा के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज देश में करीब-करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है और इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्ष में दिए गए हैं.
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उन्होंने कहा, 'अब बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दिया जाएगा. इस पर 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे.' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गरीब को मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं तो वह अपनी ऊर्जा को, अपने विकास, देश के विकास में लगाता है. उन्होंने कहा, 'इस बजट का भी फोकस गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोड़ने पर है.
प्रधानमंत्री ने केन-बेतवा नदी जोड़ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार के बजट में इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है. उन्होंने कहा, 'अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पर्याप्त पीने का पानी आएगा, कृषि के लिए खेतों में पानी आएगा.'
(पीटीआई-भाषा)