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फिलहाल उपलब्ध टीकों के 'ओमीक्रोन' पर काम न करने का कोई प्रमाण नहीं : सरकार

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Published : Dec 21, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 7:31 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya ) ने कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि फिलहाल उपलब्ध टीके कोरोना वायरस के नए संक्रमण 'ओमीक्रोन' पर काम नहीं करते. वह राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे.

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि फिलहाल उपलब्ध टीके कोरोना वायरस के नए संक्रमण 'ओमीक्रोन' पर काम नहीं करते. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya ) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि हालांकि वायरस में हुए कुछ उत्परिवर्तन वर्तमान टीकों के प्रभाव को थोड़ा कम कर सकते हैं.

मांडविया ने कहा 'ओमीक्रोन के संबंध में उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं और टीकों के प्रभाव को लेकर कोई समीक्षा भी नहीं की गई है.' उनसे पूछा गया था कि देश में लोगों को दिए जा रहे टीके क्या कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने में कारगर हैं ?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा 'टीकों के जरिये सुरक्षा का कारण एंटीबॉडी और कोशिकाओं की प्रतिरोधक क्षमता भी होती है और समझा जाता है कि इनका बेहतर तरीके से संरक्षण होता है. इसलिए अब भी गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए टीके को उपयोगी माना जाता है तथा उपलब्ध टीकों के जरिये टीकाकरण महत्वपूर्ण है.'

विभिन्न देशों में ओमीक्रोन के मामलों में वृद्धि की खबर फैलने के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में मांडविया ने बताया कि यात्रा संबंधी वर्तमान दिशा-निर्देशों की, खतरे को देखते हुए समीक्षा करने के बाद 28 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के बारे में नियम जारी किए गए और इनमें दो दिन बाद संशोधन भी किया गया.

दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड महामारी और ओमीक्रोन के मामलों के आधार पर देशों को फिर से 'जोखिम वाले देशों' की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया. समय समय पर यह सूची अद्यतन की जाती है. 'जोखिम' वाली श्रेणी में शामिल दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन के साथ ही आरटी-पीसीआर के जरिये कोविड जांच करानी होती है और सात दिन के लिए घर पर अनिवार्यरूप से पृथक-वास में रहना होता है.

पढ़ें- विपक्षी लोकतंत्र को तार-तार करते हैं : गिरिराज सिंह

उन्होंने बताया कि भारत आगमन के आठ दिन बाद यात्री को पुन: आरटी-पीसीआर जांच करानी होती है. इसके अलावा 'गैर जोखिम' वाली श्रेणी के देशों से आने वाले यात्रियों में से कोई दो फीसदी यात्रियों की कोविड जांच की जाती है.

पढ़ें- Omicron को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क, हर स्तर पर तैयारी जारी : मांडविया

मांडविया ने बताया कि संक्रमित पाए गए लोगों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं. उन्होंने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने सहित विभिन्न निर्देश दिए गए हैं ताकि ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

पढ़ें- NIA के पास पर्याप्त बुनियादी ढांचा, देश में साबइर अपराध घटे : गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि फिलहाल उपलब्ध टीके कोरोना वायरस के नए संक्रमण 'ओमीक्रोन' पर काम नहीं करते. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya ) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि हालांकि वायरस में हुए कुछ उत्परिवर्तन वर्तमान टीकों के प्रभाव को थोड़ा कम कर सकते हैं.

मांडविया ने कहा 'ओमीक्रोन के संबंध में उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं और टीकों के प्रभाव को लेकर कोई समीक्षा भी नहीं की गई है.' उनसे पूछा गया था कि देश में लोगों को दिए जा रहे टीके क्या कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने में कारगर हैं ?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा 'टीकों के जरिये सुरक्षा का कारण एंटीबॉडी और कोशिकाओं की प्रतिरोधक क्षमता भी होती है और समझा जाता है कि इनका बेहतर तरीके से संरक्षण होता है. इसलिए अब भी गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए टीके को उपयोगी माना जाता है तथा उपलब्ध टीकों के जरिये टीकाकरण महत्वपूर्ण है.'

विभिन्न देशों में ओमीक्रोन के मामलों में वृद्धि की खबर फैलने के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में मांडविया ने बताया कि यात्रा संबंधी वर्तमान दिशा-निर्देशों की, खतरे को देखते हुए समीक्षा करने के बाद 28 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के बारे में नियम जारी किए गए और इनमें दो दिन बाद संशोधन भी किया गया.

दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड महामारी और ओमीक्रोन के मामलों के आधार पर देशों को फिर से 'जोखिम वाले देशों' की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया. समय समय पर यह सूची अद्यतन की जाती है. 'जोखिम' वाली श्रेणी में शामिल दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन के साथ ही आरटी-पीसीआर के जरिये कोविड जांच करानी होती है और सात दिन के लिए घर पर अनिवार्यरूप से पृथक-वास में रहना होता है.

पढ़ें- विपक्षी लोकतंत्र को तार-तार करते हैं : गिरिराज सिंह

उन्होंने बताया कि भारत आगमन के आठ दिन बाद यात्री को पुन: आरटी-पीसीआर जांच करानी होती है. इसके अलावा 'गैर जोखिम' वाली श्रेणी के देशों से आने वाले यात्रियों में से कोई दो फीसदी यात्रियों की कोविड जांच की जाती है.

पढ़ें- Omicron को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क, हर स्तर पर तैयारी जारी : मांडविया

मांडविया ने बताया कि संक्रमित पाए गए लोगों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं. उन्होंने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने सहित विभिन्न निर्देश दिए गए हैं ताकि ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

पढ़ें- NIA के पास पर्याप्त बुनियादी ढांचा, देश में साबइर अपराध घटे : गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 21, 2021, 7:31 PM IST
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