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साइबर क्राइम में नया तरीका, फर्जी मनी ट्रांसफर ऐप का इस्तेमाल कर ठगे 30 हजार रुपये

बेगुनाहों से पैसे लूटने के लिए साइबर क्रिमिनल हर दिन नए रास्ते तलाश रहे हैं. और पुलिस उन्हें पकड़ भी नहीं पा रही है. साइबर क्रिमिनल आए दिन नए-नए तरीकों से पैसे लूट रहे हैं. हाल ही में एक ठग ने एक फर्जी मनी ट्रांसफर एप्लिकेशन (fake money transfer app) का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दिया. हैदराबाद के वनस्थलीपुरम इलाके में हाल ही में फर्जी मनी ट्रांसफर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.. यह नकली मनी ट्रांसफर ऐप क्या है? अपराधी कैसे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं? आइए देखें कि वनस्थलीपुरम में क्या हुआ...

fake money transfer app
साइबर क्राइम में नया तरीका
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Published : Apr 21, 2022, 10:56 AM IST

Updated : Apr 21, 2022, 7:07 PM IST

हैदराबाद: वनस्थलीपुरम थाना क्षेत्र में सुषमा के पास मनी ट्रांसफर की दुकान पर 9 अप्रैल को एक युवक आया. उन्होंने दुकान के मालिक से अनुरोध किया कि वह उन्हें तत्काल 30,000 रुपये दें. बदले में वह डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से उन्हें पैसे दे देगा. दुकान के मालिक ने इस पर हामी भर दी और उसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए क्यूआर कोड दिया. युवक ने क्यूआर कोड को स्कैन कर पैसे कटने का मैसेज दिखाया और 30,000 रुपए नकद देने को कहा. लेकिन दुकान के मालिक ने उसे यह कहते हुए नकद नहीं दिया कि उसे यह संदेश नहीं मिला है कि पैसे उसके खाते में स्थानांतरित हो गए हैं. दुकान के मालिक ने युवक से संदेश मिलने तक कुछ देर इंतजार करने को कहा.

लेकिन उस आदमी ने कहा कि वह जल्दी में है इसलिए उसे नकद दे दे. दुकान का मालिक इसके लिए तैयार नहीं हुआ. तो युवक ने उससे कम से कम 15,000 रुपए नकद देने का अनुरोध किया, जिसके लिए मालिक ने भी सहमति नहीं दी थी. तब युवक दुकान से निकल गया. दुकान के मालिक को लगा कि उक्त ठगी करने आया था, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं की. पांच मिनट के भीतर ही वह युवक एनजीओ की कॉलोनी में स्थित मनी ट्रांसफर की दूसरी दुकान पर गया.

हैदराबाद मैं फेक मनी ट्रांसफर ऐप से ठगी

वहां भी 30,000 रुपये नकद मांगे. उसने दुकान के मालिक से कहा कि वह डिजिटल पेमेंट एप के जरिए पैसे ट्रांसफर करेगा. दुकान के मालिक ने सहमति व्यक्त की. युवक ने यहां भी क्यूआर कोड को स्कैन कर दुकान के मालिक को एक मैसेज दिखाया कि उसके खाते में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं. दुकान के मालिक ने अपने खाते की जांच की और पाया कि पैसे क्रेडिट नहीं हुए हैं. इसलिए उसने युवक से कुछ देर रुकने को कहा. परन्तु उस युवक ने कहा, कि उसे जल्दी में कहीं जाना है.

पढ़ें: सेक्सटॉर्शन गैंग पर पुलिस ने कसा शिकंजा, जाने कैसे बचें इससे

दुकान के मालिक को भी लगा कि हो सकता है पैसे आने में थोड़ा समय लगे. उसने युवक को 30 हजार रुपये दे दिए. जब साढ़े तीन घंटे बाद भी दुकानदार के खाते में पैसे नहीं आए तब दुकानदार को ठगी का शक हुआ. दुकानदार ने वनस्थलीपुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जांच में पुलिस ने पाया कि फर्जी मनी ट्रांसफर एप के जरिए कई लोगों के साथ ठगी की गई है. पुलिस ने लोगों को सचेत किया कि अगर कोई कहता है कि खातों में पैसा जमा होने के बाद ही नकद की अदलाबदली करें.

हैदराबाद: वनस्थलीपुरम थाना क्षेत्र में सुषमा के पास मनी ट्रांसफर की दुकान पर 9 अप्रैल को एक युवक आया. उन्होंने दुकान के मालिक से अनुरोध किया कि वह उन्हें तत्काल 30,000 रुपये दें. बदले में वह डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से उन्हें पैसे दे देगा. दुकान के मालिक ने इस पर हामी भर दी और उसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए क्यूआर कोड दिया. युवक ने क्यूआर कोड को स्कैन कर पैसे कटने का मैसेज दिखाया और 30,000 रुपए नकद देने को कहा. लेकिन दुकान के मालिक ने उसे यह कहते हुए नकद नहीं दिया कि उसे यह संदेश नहीं मिला है कि पैसे उसके खाते में स्थानांतरित हो गए हैं. दुकान के मालिक ने युवक से संदेश मिलने तक कुछ देर इंतजार करने को कहा.

लेकिन उस आदमी ने कहा कि वह जल्दी में है इसलिए उसे नकद दे दे. दुकान का मालिक इसके लिए तैयार नहीं हुआ. तो युवक ने उससे कम से कम 15,000 रुपए नकद देने का अनुरोध किया, जिसके लिए मालिक ने भी सहमति नहीं दी थी. तब युवक दुकान से निकल गया. दुकान के मालिक को लगा कि उक्त ठगी करने आया था, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं की. पांच मिनट के भीतर ही वह युवक एनजीओ की कॉलोनी में स्थित मनी ट्रांसफर की दूसरी दुकान पर गया.

हैदराबाद मैं फेक मनी ट्रांसफर ऐप से ठगी

वहां भी 30,000 रुपये नकद मांगे. उसने दुकान के मालिक से कहा कि वह डिजिटल पेमेंट एप के जरिए पैसे ट्रांसफर करेगा. दुकान के मालिक ने सहमति व्यक्त की. युवक ने यहां भी क्यूआर कोड को स्कैन कर दुकान के मालिक को एक मैसेज दिखाया कि उसके खाते में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं. दुकान के मालिक ने अपने खाते की जांच की और पाया कि पैसे क्रेडिट नहीं हुए हैं. इसलिए उसने युवक से कुछ देर रुकने को कहा. परन्तु उस युवक ने कहा, कि उसे जल्दी में कहीं जाना है.

पढ़ें: सेक्सटॉर्शन गैंग पर पुलिस ने कसा शिकंजा, जाने कैसे बचें इससे

दुकान के मालिक को भी लगा कि हो सकता है पैसे आने में थोड़ा समय लगे. उसने युवक को 30 हजार रुपये दे दिए. जब साढ़े तीन घंटे बाद भी दुकानदार के खाते में पैसे नहीं आए तब दुकानदार को ठगी का शक हुआ. दुकानदार ने वनस्थलीपुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जांच में पुलिस ने पाया कि फर्जी मनी ट्रांसफर एप के जरिए कई लोगों के साथ ठगी की गई है. पुलिस ने लोगों को सचेत किया कि अगर कोई कहता है कि खातों में पैसा जमा होने के बाद ही नकद की अदलाबदली करें.

Last Updated : Apr 21, 2022, 7:07 PM IST
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