हैदराबाद: वनस्थलीपुरम थाना क्षेत्र में सुषमा के पास मनी ट्रांसफर की दुकान पर 9 अप्रैल को एक युवक आया. उन्होंने दुकान के मालिक से अनुरोध किया कि वह उन्हें तत्काल 30,000 रुपये दें. बदले में वह डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से उन्हें पैसे दे देगा. दुकान के मालिक ने इस पर हामी भर दी और उसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए क्यूआर कोड दिया. युवक ने क्यूआर कोड को स्कैन कर पैसे कटने का मैसेज दिखाया और 30,000 रुपए नकद देने को कहा. लेकिन दुकान के मालिक ने उसे यह कहते हुए नकद नहीं दिया कि उसे यह संदेश नहीं मिला है कि पैसे उसके खाते में स्थानांतरित हो गए हैं. दुकान के मालिक ने युवक से संदेश मिलने तक कुछ देर इंतजार करने को कहा.
लेकिन उस आदमी ने कहा कि वह जल्दी में है इसलिए उसे नकद दे दे. दुकान का मालिक इसके लिए तैयार नहीं हुआ. तो युवक ने उससे कम से कम 15,000 रुपए नकद देने का अनुरोध किया, जिसके लिए मालिक ने भी सहमति नहीं दी थी. तब युवक दुकान से निकल गया. दुकान के मालिक को लगा कि उक्त ठगी करने आया था, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं की. पांच मिनट के भीतर ही वह युवक एनजीओ की कॉलोनी में स्थित मनी ट्रांसफर की दूसरी दुकान पर गया.
वहां भी 30,000 रुपये नकद मांगे. उसने दुकान के मालिक से कहा कि वह डिजिटल पेमेंट एप के जरिए पैसे ट्रांसफर करेगा. दुकान के मालिक ने सहमति व्यक्त की. युवक ने यहां भी क्यूआर कोड को स्कैन कर दुकान के मालिक को एक मैसेज दिखाया कि उसके खाते में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं. दुकान के मालिक ने अपने खाते की जांच की और पाया कि पैसे क्रेडिट नहीं हुए हैं. इसलिए उसने युवक से कुछ देर रुकने को कहा. परन्तु उस युवक ने कहा, कि उसे जल्दी में कहीं जाना है.
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दुकान के मालिक को भी लगा कि हो सकता है पैसे आने में थोड़ा समय लगे. उसने युवक को 30 हजार रुपये दे दिए. जब साढ़े तीन घंटे बाद भी दुकानदार के खाते में पैसे नहीं आए तब दुकानदार को ठगी का शक हुआ. दुकानदार ने वनस्थलीपुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जांच में पुलिस ने पाया कि फर्जी मनी ट्रांसफर एप के जरिए कई लोगों के साथ ठगी की गई है. पुलिस ने लोगों को सचेत किया कि अगर कोई कहता है कि खातों में पैसा जमा होने के बाद ही नकद की अदलाबदली करें.