ETV Bharat / bharat

ठंडे इलाकों में उगने वाला फूल 'गुलदाउदी' उगा रहे हैं जयपुर में, जानिए कैसै और कितनी हो रही है आमदनी - ठंडे इलाकों के फूल गुलदाउदी की जयपुर हो रही खेती

कहते हैं जहां चाह वहां राह होती है. जयपुर के किसान लालाराम ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है. ठंडे इलाकों में उगाया जाने वाला गुलदाउदी के फूल को जयपुर में उगाकर सभी को अपना लोहा मनवा दिया है. साथ ही चार गुणा ज्यादा कमाई भी कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 24, 2023, 6:51 AM IST

Updated : May 24, 2023, 3:01 PM IST

गुलदाउदी की खेती कर रहे हैं किसान लालाराम

जयपुर. कश्मीर समेत एशिया के ठंडे इलाकों और पूर्वी यूरोप में पाया जाने वाला गुलदाउदी (chrysanthemum) फूलों का पौधा इन दिनों जयपुर को महका रहा है. खास बात यह है कि ये पौधे ठंडे वातावरण में ही पनपता है, पर जयपुर के एक किसान ने 40 डिग्री से ऊपर के तापमान में इन फूलों का उत्पादन करने में कामयाबी हासिल की है. सजावटी फूलों में शुमार इस गुलदाउदी को बेरुत में मुहैया करवाने वाले किसान लालाराम ने इसके लिये खासा मेहनत की है. गौर है कि लालाराम की पहचान एक प्रगतिशील किसान के रूप में है. इन्हें प्रदेश के पॉली हाउस की शुरुआत करने वाले किसान के रूप में भी पहचाना जाता है.

उत्सवों की पहचान बनी गुलदाउदी : पारंपरिक गुलाब के फूलों से इतर जाकर दिलचस्पी रखने वाले लोगों को शादी ब्याह की सजावट से लेकर छोटे-मोटे जलसों में अतरंगी फूलों की जरुरत होती है. ऐसे में फ्लावर डेकोरेशन के मार्केट में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए किसान लालाराम ने पारंपरिक सब्जी का उत्पानद छोड़ फूलों की खेती करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने पॉली हाउस की उपज को भी बदल दिया. आम तौर पर शिमला मिर्च और खीरे की खेती के लिये पहचाने जाने वाले पॉली हाउस में ऑफ सीजन की फसल लेने के मकसद से गुलदाउदी पर काम किया और सफलता हासिल की. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वे मुनाफे अच्छा होने के कारण अब फूलों की खेती करते हैं. इसके लिये वे अक्सर मौसम की चुनौती को भी स्वीकार करते हैं. अब बाजार की डिमांड के मुताबिक महंगी किस्म के फूलों की उगा रहे हैं.

पढ़ें दुनिया में नहीं, लेकिन काम जिंदा है! पढ़ें शिवेंद्र तिवारी की कहानी

फूलों से चौगुनी हुई आमदनी : किसान लालाराम बताते हैं कि फूलों की खेती को अपनाकर उनकी आमदनी सब्जियों के मुकाबले चार गुना ज्यादा है. गुलदाउदी की डिमांड पर पहले दिल्ली के जरिये फूल मंगाए जाते थे, पर लालाराम ने जयपुर में ही इसे उगाना शुरु कर दिया. पहले सर्दियों में इसकी पैदावार ली और फिर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक विपरीत परिस्थितियों में भी इसका उत्पादन की. उन्होंने पॉली हाउस में ही ठंडा वातावरण बनाया. वे गुलदाउदी के अलावा भी अन्य फूलों की उगा रहे हैं. लालाराम बताते हैं कि उनकी नर्सरी में गेंदे की विदेशी नस्ल को उगाने में भी सफलता हासिल की है. वे हॉलैण्ड की किस्म का गेंदा जयपुर में उगा रहे हैं. वे दो लाख रुपए के बीज आयात करके वे करीब 17 से 18 लाख रुपए का मुनाफा कमाते हैं. लालाराम ने अन्य किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि वे अपने अनुभव के आधार पर ये कह सकते हैं कि ठान लेने के बाद कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

गुलदाउदी की खेती कर रहे हैं किसान लालाराम

जयपुर. कश्मीर समेत एशिया के ठंडे इलाकों और पूर्वी यूरोप में पाया जाने वाला गुलदाउदी (chrysanthemum) फूलों का पौधा इन दिनों जयपुर को महका रहा है. खास बात यह है कि ये पौधे ठंडे वातावरण में ही पनपता है, पर जयपुर के एक किसान ने 40 डिग्री से ऊपर के तापमान में इन फूलों का उत्पादन करने में कामयाबी हासिल की है. सजावटी फूलों में शुमार इस गुलदाउदी को बेरुत में मुहैया करवाने वाले किसान लालाराम ने इसके लिये खासा मेहनत की है. गौर है कि लालाराम की पहचान एक प्रगतिशील किसान के रूप में है. इन्हें प्रदेश के पॉली हाउस की शुरुआत करने वाले किसान के रूप में भी पहचाना जाता है.

उत्सवों की पहचान बनी गुलदाउदी : पारंपरिक गुलाब के फूलों से इतर जाकर दिलचस्पी रखने वाले लोगों को शादी ब्याह की सजावट से लेकर छोटे-मोटे जलसों में अतरंगी फूलों की जरुरत होती है. ऐसे में फ्लावर डेकोरेशन के मार्केट में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए किसान लालाराम ने पारंपरिक सब्जी का उत्पानद छोड़ फूलों की खेती करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने पॉली हाउस की उपज को भी बदल दिया. आम तौर पर शिमला मिर्च और खीरे की खेती के लिये पहचाने जाने वाले पॉली हाउस में ऑफ सीजन की फसल लेने के मकसद से गुलदाउदी पर काम किया और सफलता हासिल की. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वे मुनाफे अच्छा होने के कारण अब फूलों की खेती करते हैं. इसके लिये वे अक्सर मौसम की चुनौती को भी स्वीकार करते हैं. अब बाजार की डिमांड के मुताबिक महंगी किस्म के फूलों की उगा रहे हैं.

पढ़ें दुनिया में नहीं, लेकिन काम जिंदा है! पढ़ें शिवेंद्र तिवारी की कहानी

फूलों से चौगुनी हुई आमदनी : किसान लालाराम बताते हैं कि फूलों की खेती को अपनाकर उनकी आमदनी सब्जियों के मुकाबले चार गुना ज्यादा है. गुलदाउदी की डिमांड पर पहले दिल्ली के जरिये फूल मंगाए जाते थे, पर लालाराम ने जयपुर में ही इसे उगाना शुरु कर दिया. पहले सर्दियों में इसकी पैदावार ली और फिर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक विपरीत परिस्थितियों में भी इसका उत्पादन की. उन्होंने पॉली हाउस में ही ठंडा वातावरण बनाया. वे गुलदाउदी के अलावा भी अन्य फूलों की उगा रहे हैं. लालाराम बताते हैं कि उनकी नर्सरी में गेंदे की विदेशी नस्ल को उगाने में भी सफलता हासिल की है. वे हॉलैण्ड की किस्म का गेंदा जयपुर में उगा रहे हैं. वे दो लाख रुपए के बीज आयात करके वे करीब 17 से 18 लाख रुपए का मुनाफा कमाते हैं. लालाराम ने अन्य किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि वे अपने अनुभव के आधार पर ये कह सकते हैं कि ठान लेने के बाद कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

Last Updated : May 24, 2023, 3:01 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.