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ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा भारतीय हीटिंग और रेफ्रिजरेशन प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट

भारत ने 400 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है. देश की इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी का कहना है कि जिस तरह से ग्लोबल मार्केट में भारत की कंपनियों ने जगह बनाई है, उससे सिर्फ इंजीनियरिंग सेंगमेंट से 107 बिलियन डॉलर का सपोर्ट मिल जाएगा. हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) प्रोडक्ट और पार्टस के निर्यात में भारत दुनिया के टॉप 16 देश में शामिल हो गया है.

India’s export of heating and refrigeration products
India’s export of heating and refrigeration products
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Published : Jan 19, 2022, 8:01 AM IST

नई दिल्ली : ग्लोबल मार्केट के खुलने के बाद हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) वाले प्रोडक्ट के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. यह जानकारी इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने दी.

हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) सेगमेंट पर एक वर्चुअल एक्सपो को संबोधित करते हुए महेश देसाई ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जब ग्लोबल मार्केट कारोबार के लिए खुलेंगे तो आउटबाउंड शिपमेंट की गति भी तेज होगी.

2020 के दौरान भारत में बने HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए तीन देश काफी मुफीद रहे. इस दौरान अमेरिका में 16.7 फीसदी, यूएई में 7 फीसदी और चीन में 5.92 फीसदी HVAC-R प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए गए.

नए ट्रेड डेटा के अनुसार, यूरोपीय संघ (ईयू) सभी क्षेत्रों में भारत के HVAC-R प्रोडक्ट का सबसे बड़ा आयातक है, जो इन उत्पादों के भारत के कुल ग्लोबल एक्सपोर्ट के पांचवें हिस्से से अधिक की खपत करता है. इसके बाद नॉर्थ अमेरिका और मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया (MEWA) रीजन में भारतीय HVAC-R प्रोडक्ट् की खपत होती है. यह भारत के कुल एक्सपोर्ट का 18.2 फीसदी और 16.5 फीसदी था. आसियान और उत्तर-पूर्व एशियाई देशों में पिछले साल भारत के HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के 10 प्रतिशत से अधिक की खपत की.

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने बताया कि भारत हीटिंग प्रोडक्ट के निर्यात में 24 वें पायदान पर है, जबकि एसी में एक्सपोर्ट में ग्लोबल रैंकिंग 25 है. रेफ्रिजरेशन यूनिट के एक्सपोर्ट में भारत 33 वें स्थान पर है. इसके अलावा भारत हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) उपकरणों के सेगमेंट के दुनिया का 16वां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.

वर्चुअल एक्सपो में ईईपीसी इंडिया के वाइस चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि इंजीनियरिंग सेगमेंट में मजबूत ग्रोथ के साथ देश चालू वित्त वर्ष में 400 बिलियन डॉलर से अधिक के निर्यात का रिकॉर्ड हासिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हीटिंग और रेफ्रिजरेशन सेक्टर में ग्लोबल कंपनियों और लोकल प्लेयर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हो रही है.

एक ओर कैरियर कॉरपोरेशन, डाइकिन इंडस्ट्रीज, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक, इंगरसोल-रैंड पीएलसी और पैनासोनिक कॉर्पोरेशन जैसे ग्लोबल ब्रांड बाजार हिस्सेदारी के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, वहीं ब्लू स्टार, हैवेल्स इंडिया और वोल्टास जैसी भारतीय कंपनियां अपने प्रोडक्ट की बढ़ती मांग के कारण अपने लिए मार्केट में जगह बना रही है.

इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, भारत ने 2020 में 2 बिलियन डॉलर से अधिक के हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) प्रोडक्ट का निर्यात किया. इस आंकड़े में HVAC-R) सिस्टम के पार्टस का एक्सपोर्ट भी शामिल है.

एक्सपोर्ट में वेंटिलेशन सिस्टम की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 77 प्रतिशत से अधिक रही. इसके बाद 11 प्रतिशत से अधिक शेयर के साथ हीटिंग उपकरण और पार्टस निर्यात में दूसरे स्थान पर रहे. निर्यात में रेफ्रिजरेटिंग यूनीट का शेयर 6.64 फीसदी रहा. एयर कंडीशनिंग यूनिट की हिस्सेदारी भी 4 पर्सेंट से अधिक रही.

भारत में हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) का बाजार 2030 तक 31.6 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए तैयार है. 2020 और 2030 के बीच घरेलू बाजार में 16 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है.

वर्चुअल एक्सपो में ईईपीसी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राकेश शाह ने कहा कि हीटिंग और रेफ्रिजरेशन सेगमेंट पर एक्सपो विदेशी खरीदारों को भारत से खरीद करने के लिए और प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने दावा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र से आने वाले 107 बिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात भारत को 400 बिलियन डालर का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा. इस वर्चुअल एक्सपो में 36 देशों के व्यापार प्रतिनिधि शामिल हुए.

पढ़ें : ओडिशा का राउरकेला दुनिया के 631 शहरों में टॉप 15 में अपना स्थान बनाने में रहा सफल

नई दिल्ली : ग्लोबल मार्केट के खुलने के बाद हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) वाले प्रोडक्ट के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. यह जानकारी इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने दी.

हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) सेगमेंट पर एक वर्चुअल एक्सपो को संबोधित करते हुए महेश देसाई ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जब ग्लोबल मार्केट कारोबार के लिए खुलेंगे तो आउटबाउंड शिपमेंट की गति भी तेज होगी.

2020 के दौरान भारत में बने HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए तीन देश काफी मुफीद रहे. इस दौरान अमेरिका में 16.7 फीसदी, यूएई में 7 फीसदी और चीन में 5.92 फीसदी HVAC-R प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए गए.

नए ट्रेड डेटा के अनुसार, यूरोपीय संघ (ईयू) सभी क्षेत्रों में भारत के HVAC-R प्रोडक्ट का सबसे बड़ा आयातक है, जो इन उत्पादों के भारत के कुल ग्लोबल एक्सपोर्ट के पांचवें हिस्से से अधिक की खपत करता है. इसके बाद नॉर्थ अमेरिका और मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया (MEWA) रीजन में भारतीय HVAC-R प्रोडक्ट् की खपत होती है. यह भारत के कुल एक्सपोर्ट का 18.2 फीसदी और 16.5 फीसदी था. आसियान और उत्तर-पूर्व एशियाई देशों में पिछले साल भारत के HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के 10 प्रतिशत से अधिक की खपत की.

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने बताया कि भारत हीटिंग प्रोडक्ट के निर्यात में 24 वें पायदान पर है, जबकि एसी में एक्सपोर्ट में ग्लोबल रैंकिंग 25 है. रेफ्रिजरेशन यूनिट के एक्सपोर्ट में भारत 33 वें स्थान पर है. इसके अलावा भारत हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) उपकरणों के सेगमेंट के दुनिया का 16वां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.

वर्चुअल एक्सपो में ईईपीसी इंडिया के वाइस चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि इंजीनियरिंग सेगमेंट में मजबूत ग्रोथ के साथ देश चालू वित्त वर्ष में 400 बिलियन डॉलर से अधिक के निर्यात का रिकॉर्ड हासिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हीटिंग और रेफ्रिजरेशन सेक्टर में ग्लोबल कंपनियों और लोकल प्लेयर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हो रही है.

एक ओर कैरियर कॉरपोरेशन, डाइकिन इंडस्ट्रीज, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक, इंगरसोल-रैंड पीएलसी और पैनासोनिक कॉर्पोरेशन जैसे ग्लोबल ब्रांड बाजार हिस्सेदारी के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, वहीं ब्लू स्टार, हैवेल्स इंडिया और वोल्टास जैसी भारतीय कंपनियां अपने प्रोडक्ट की बढ़ती मांग के कारण अपने लिए मार्केट में जगह बना रही है.

इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, भारत ने 2020 में 2 बिलियन डॉलर से अधिक के हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) प्रोडक्ट का निर्यात किया. इस आंकड़े में HVAC-R) सिस्टम के पार्टस का एक्सपोर्ट भी शामिल है.

एक्सपोर्ट में वेंटिलेशन सिस्टम की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 77 प्रतिशत से अधिक रही. इसके बाद 11 प्रतिशत से अधिक शेयर के साथ हीटिंग उपकरण और पार्टस निर्यात में दूसरे स्थान पर रहे. निर्यात में रेफ्रिजरेटिंग यूनीट का शेयर 6.64 फीसदी रहा. एयर कंडीशनिंग यूनिट की हिस्सेदारी भी 4 पर्सेंट से अधिक रही.

भारत में हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) का बाजार 2030 तक 31.6 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए तैयार है. 2020 और 2030 के बीच घरेलू बाजार में 16 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है.

वर्चुअल एक्सपो में ईईपीसी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राकेश शाह ने कहा कि हीटिंग और रेफ्रिजरेशन सेगमेंट पर एक्सपो विदेशी खरीदारों को भारत से खरीद करने के लिए और प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने दावा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र से आने वाले 107 बिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात भारत को 400 बिलियन डालर का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा. इस वर्चुअल एक्सपो में 36 देशों के व्यापार प्रतिनिधि शामिल हुए.

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