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IIT मद्रास के प्रोफेसर को सऊदी अरब का प्रतिष्ठित पुरस्कार, पानी को स्वच्छ करने की विकसित की तकनीक

आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर टी. प्रदीप को प्रतिष्ठित प्रिंस सुल्तान बिन अब्दुल अजीज इंटरनेशनल प्राइज फॉर वॉटर के विजेता के रूप में चुना गया है. इसके तहत दो करोड़ की नकद राशि प्रदान की जाती है. उन्होंने पीने के पानी से आर्सेनिक को हटाने के लिए वाटर नैनोस्केल पार्टिकल विकसित की है.

t pradeep, prof. iit madras
टी. प्रदीप, प्रो. आईआईटी मद्रास
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Published : Jun 13, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 9:23 PM IST

चेन्नई : आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर थलपिल प्रदीप को प्रतिष्ठित प्रिंस सुल्तान बिन अब्दुलअजीज इंटरनेशनल प्राइज फॉर वॉटर के विजेता के रूप में चुना गया है. उन्हें जल संबंधित क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है.

उन्होंने पीने के पानी से आर्सेनिक को हटाने के लिए वाटर नैनोस्केल पार्टिकल विकसित की है. यह एक किफायती और टिकाऊ प्रक्रिया है. साथ ही यह पर्यावरण अनुकूल भी है. यह अवार्ड हर दो साल पर दिया जाता है.

इस पुरस्कार की स्थापना सऊदी अरब के राजकुमार सुल्तान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद द्वारा स्थापित किया गया था. इसके तहत एक स्वर्ण पदक, एक ट्रॉफी और एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. करीब दो करोड़ रूपये की नकद राशि भी दी जाती है. पुरस्कार समारोह 12 सितंबर को न्यूयॉर्क में प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार यूएन मुख्यालय में दिया जाएगा.

प्रो. टी प्रदीप, आईआईटी मद्रास

टी प्रदीप की टीम के अन्य सदस्य हैं- अवुला अनिल कुमार, चेन्नू सुधाकर, श्रीतामा मुखर्जी, अंशुप और मोहन उदय शंकर. टी प्रदीप को इससे पहले भी निक्केई एशिया पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. पुरस्कार को लेकर टी प्रदीप ने कहा कि साफ और स्वच्छ पानी वास्तव में बहुत ही बहुमूल्य चीज है. हम इसमें अहम योगदान दे सकते हैं.

किंग सऊद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ बदरान अल-उमर की अध्यक्षता में और पीएसआईपीडब्ल्यू के अध्यक्ष एचआरएच प्रिंस खालिद बिन सुल्तान बिन अब्दुलअज़ीज़ के निर्देशन में पुरस्कार परिषद ने राजकुमार सुल्तान के 10 वें पुरस्कार (2022) के लिए विजेताओं को मंजूरी दी है.

अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति के 65वें सत्र के अंतरिक्ष और जल एजेंडा के दौरान 10वें पुरस्कार विजेताओं का औपचारिक रूप से खुलासा किया गया. PSIPW जल अनुसंधान में अत्याधुनिक नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक अग्रणी, वैश्विक वैज्ञानिक पुरस्कार है. यह दुनिया भर के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अन्वेषकों को अग्रणी कार्य के लिए मान्यता देता है जो रचनात्मक और प्रभावी तरीकों से पानी की कमी की समस्या का समाधान करता है.

चेन्नई : आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर थलपिल प्रदीप को प्रतिष्ठित प्रिंस सुल्तान बिन अब्दुलअजीज इंटरनेशनल प्राइज फॉर वॉटर के विजेता के रूप में चुना गया है. उन्हें जल संबंधित क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है.

उन्होंने पीने के पानी से आर्सेनिक को हटाने के लिए वाटर नैनोस्केल पार्टिकल विकसित की है. यह एक किफायती और टिकाऊ प्रक्रिया है. साथ ही यह पर्यावरण अनुकूल भी है. यह अवार्ड हर दो साल पर दिया जाता है.

इस पुरस्कार की स्थापना सऊदी अरब के राजकुमार सुल्तान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद द्वारा स्थापित किया गया था. इसके तहत एक स्वर्ण पदक, एक ट्रॉफी और एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. करीब दो करोड़ रूपये की नकद राशि भी दी जाती है. पुरस्कार समारोह 12 सितंबर को न्यूयॉर्क में प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार यूएन मुख्यालय में दिया जाएगा.

प्रो. टी प्रदीप, आईआईटी मद्रास

टी प्रदीप की टीम के अन्य सदस्य हैं- अवुला अनिल कुमार, चेन्नू सुधाकर, श्रीतामा मुखर्जी, अंशुप और मोहन उदय शंकर. टी प्रदीप को इससे पहले भी निक्केई एशिया पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. पुरस्कार को लेकर टी प्रदीप ने कहा कि साफ और स्वच्छ पानी वास्तव में बहुत ही बहुमूल्य चीज है. हम इसमें अहम योगदान दे सकते हैं.

किंग सऊद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ बदरान अल-उमर की अध्यक्षता में और पीएसआईपीडब्ल्यू के अध्यक्ष एचआरएच प्रिंस खालिद बिन सुल्तान बिन अब्दुलअज़ीज़ के निर्देशन में पुरस्कार परिषद ने राजकुमार सुल्तान के 10 वें पुरस्कार (2022) के लिए विजेताओं को मंजूरी दी है.

अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति के 65वें सत्र के अंतरिक्ष और जल एजेंडा के दौरान 10वें पुरस्कार विजेताओं का औपचारिक रूप से खुलासा किया गया. PSIPW जल अनुसंधान में अत्याधुनिक नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक अग्रणी, वैश्विक वैज्ञानिक पुरस्कार है. यह दुनिया भर के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अन्वेषकों को अग्रणी कार्य के लिए मान्यता देता है जो रचनात्मक और प्रभावी तरीकों से पानी की कमी की समस्या का समाधान करता है.

Last Updated : Jun 13, 2022, 9:23 PM IST
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