देहरादून : अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में कई सिक्योरिटी कंपनियों ने भी तालिबानियों के डर से कंपनी बंदकर अपने कर्मचारियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. इन कंपनियों में कई लोग 2 दशकों से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं. ऐसी ही एक कंपनी है सलाउद्दीन, जिसने काबुल में अपने यहां नौकरी करने वाले लोगों को मुसीबत में छोड़ दिया है. देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लगभग 114 भारतीय लोगों ने एक वीडियो जारी कर अपने हालातों को जुबानी बयां करते हुए भारत सरकार से मदद की अपील की है.
काबुल में जिंदगी से जूझ रहे 114 लोगों ने वीडियो में भारत सरकार से मदद मांगते हुए कहा है कि वह पिछले 4 दिन से एक छोटे से कमरे में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, उनके लिए खाना नहीं है, वो सो नहीं पा रहे हैं.
पिछले 4 दिनों से काबुल में फंसे भारतीयों का दर्द: ईटीवी भारत को गढ़ी कैंट निवासी इसी सलाउद्दीन सिक्योरिटी कंपनी में काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि उनके पास काबुल से उनके साथी ने एक वीडियो भेजा है. मुसीबत में फंसे इन लोगों ने ये वीडियो मंगलवार सुबह 11:30 बजे देहरादून गढ़ी कैंट निवासी अपने साथियों को भेजा, ताकि उनकी मदद की बात भारत सरकार तक पहुंच सके.
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इस वीडियो में बताया जा रहा है कि 114 लोग काबुल में जिंदगी बचाने के सबसे बुरे तरह से फंसे हैं. कंपनी ने इन्हें मरने के लिए इनके हाल पर छोड़ दिया है. ऐसे में ये लोग भारत सरकार से वीडियो के जरिए अपील कर रहे हैं कि उनकी मदद की जाए और उन्हें अपने वतन वापस लाने के लिए प्रयास किए जाएं. काबुल में इन 114 भारतीयों ने अपने वीडियो में बताया कि उनकी मुसीबत के कारण देहरादून में उनके परिजन भी पिछले तीन-चार दिनों से बिना खाए, पिए व सोए भारी मानसिक तनाव और सदमे से गुजर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि काबुल में फंसे यह लोग पिछले एक दशक से सलाउद्दीन कंपनी में सिक्योरिटी की नौकरी कर रहे थे. हालांकि, काफी लोग अफगानिस्तान और तालेबान के युद्ध जैसे गंभीर हालात को देखते हुए पहले ही भारत वापस आ चुके थे. लेकिन अब भी देहरादून के अलग-अलग क्षेत्र निवासी कई लोग सलाउद्दीन कंपनी में काम कर रहे थे. तालिबान का कब्जा होते ही कंपनी छोड़कर भाग गई और अब यह तमाम लोग जिंदगी बचाने के लिए एक छोटे से कमरे में छुपकर बैठे हैं.
दिल्ली एंबेसी से संपर्क कर मदद की गुहार: खबर लिखे जाने तक वीडियो जारी करने वाले ग्रुप के लोगों से ये सूचना मिली है वो लोग भारत सरकार दिल्ली एंबेसी से लगातार संपर्क कर मदद की गुहार लगा रहे हैं.