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Neet ug 2022 Result: कोटा की तनिष्का टॉपर, साझा किया सफलता का राज!

नीट यूजी 2022 का परिणाम (NEET UG 2022 result) आज देर रात जारी हुआ. इसमें कोटा से बीते दो साल से पढ़ाई कर रही तनिष्का ने बाजी मार ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है.

Tanishka from kota tops NEET
कोटा की तनिष्का टॉपर
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Published : Sep 8, 2022, 7:02 AM IST

कोटा. तनिष्का हरियाणा के नारनौल की रहने वाली हैं. उनके पिता कृष्ण कुमार गवर्नमेंट टीचर हैं और मां सरिता कुमारी भी लेक्चरर हैं (Tanishka from kota tops NEET). वे दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करने की इच्छुक हैं. एमबीबीएस के बाद कार्डियो, न्यूरो व ओन्कोलॉजी में स्पेशलाइजेशन करना चाहती हैं. कंसेप्टस क्लियरिंग को उन्होंने सफलता का मंत्र बताया.

हार नहीं मानी: तनिष्का ने बताया कि वो पिछले 2 साल से कोटा की क्लासरूम स्टूडेंट हैं (NEET UG 2022 result). उनका कहना है कि मेडिकल प्रोफेशन ऐसा फील्ड है, जिसमें आप दूसरों की मदद कर खुद को सेटिस्फाई कर सकते हो. नीट की तैयारी के दौरान कंसेप्टस को गहराई से समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछती थीं, हिचकिचाती नहीं थीं. कभी टेस्ट में मार्क्स कम आते थे तो पेरेन्ट्स मोटिवेट करते थे.उन्होनें कभी मार्क्स के लिए दबाव नहीं डाला और पॉजिटिविटी के साथ तैयारी करते रहने के लिए बढ़ावा दिया. तनिष्का ने इसी साल 12वीं की परीक्षा भी दी थी, जिसमें 98.6 फीसदी अंक आए थे. उनके कक्षा 10 में 96.4 प्रतिशत अंक थे. इसके अलावा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन में भी वे 99.50 परसेंटाइल ला चुकी हैं.

Tanishka from kota tops NEET
परिवार के साथ तनिष्का

कोटा ही क्यों?: तनिष्का का कहना है कि देशभर में कोटा के एजुकेशन सिस्टम की तारीफ की जाती है. कोटा को सफलता का रास्ता बताया जाता है. यहां के माहौल और संस्थानों के बारे में काफी कुछ मैंने सुना था, इसीलिए पेरेंट्स से बातचीत की और फिर कोटा आने का निर्णय लिया. मुझे ये निर्णय काफी सही लगा. इसी निर्णय की बदौलत इस मुकाम पर पहुंची हूं. कोटा में सपने साकार करने के लिए हर संसाधन हैं. बेस्ट व एक्सपीरियंस्ड फैकल्टीज के साथ डाउट काउंटर्स, वीकली व मंथली टेस्ट, मॉक टेस्ट, अनुशासित माहौल, ये सब मिलकर कोटा को बेस्ट बनाते हैं.

ये भी पढ़ें-City Lifeline: कोटा की रीढ़ है 4000 करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री, होम ट्यूशन से हुई थी शुरुआत...आज मेडिकल, इंजीनियरिंग में है सिरमोर

ये भी पढ़ें-Memes on NEET Result: नीट यूजी 2022 का इंतजार कर रहे लाखों विद्यार्थी, सोशल मीडिया पर मीम्स भी शेयर कर रहे

कितने घंटे पढ़ाई?: टॉपर तनिष्का के मुताबिक वो रोजाना 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थीं. सफलता की कुंजी मेहनत को बताती हैं. कहती हैं- नीट स्टूडेंट्स अंतिम समय में नहीं, बल्कि पहले दिन से ही लक्ष्य की तैयारी करें. क्लासरूम में कोर्स आगे बढ़ने के साथ ही पिछला पढ़ा हुआ भी रिवाइज करना जरूरी है . टॉपिकवाइज छोटे-छोटे नोट्स बनाना भी मददगार साबित होता है.

कोटा. तनिष्का हरियाणा के नारनौल की रहने वाली हैं. उनके पिता कृष्ण कुमार गवर्नमेंट टीचर हैं और मां सरिता कुमारी भी लेक्चरर हैं (Tanishka from kota tops NEET). वे दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करने की इच्छुक हैं. एमबीबीएस के बाद कार्डियो, न्यूरो व ओन्कोलॉजी में स्पेशलाइजेशन करना चाहती हैं. कंसेप्टस क्लियरिंग को उन्होंने सफलता का मंत्र बताया.

हार नहीं मानी: तनिष्का ने बताया कि वो पिछले 2 साल से कोटा की क्लासरूम स्टूडेंट हैं (NEET UG 2022 result). उनका कहना है कि मेडिकल प्रोफेशन ऐसा फील्ड है, जिसमें आप दूसरों की मदद कर खुद को सेटिस्फाई कर सकते हो. नीट की तैयारी के दौरान कंसेप्टस को गहराई से समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछती थीं, हिचकिचाती नहीं थीं. कभी टेस्ट में मार्क्स कम आते थे तो पेरेन्ट्स मोटिवेट करते थे.उन्होनें कभी मार्क्स के लिए दबाव नहीं डाला और पॉजिटिविटी के साथ तैयारी करते रहने के लिए बढ़ावा दिया. तनिष्का ने इसी साल 12वीं की परीक्षा भी दी थी, जिसमें 98.6 फीसदी अंक आए थे. उनके कक्षा 10 में 96.4 प्रतिशत अंक थे. इसके अलावा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन में भी वे 99.50 परसेंटाइल ला चुकी हैं.

Tanishka from kota tops NEET
परिवार के साथ तनिष्का

कोटा ही क्यों?: तनिष्का का कहना है कि देशभर में कोटा के एजुकेशन सिस्टम की तारीफ की जाती है. कोटा को सफलता का रास्ता बताया जाता है. यहां के माहौल और संस्थानों के बारे में काफी कुछ मैंने सुना था, इसीलिए पेरेंट्स से बातचीत की और फिर कोटा आने का निर्णय लिया. मुझे ये निर्णय काफी सही लगा. इसी निर्णय की बदौलत इस मुकाम पर पहुंची हूं. कोटा में सपने साकार करने के लिए हर संसाधन हैं. बेस्ट व एक्सपीरियंस्ड फैकल्टीज के साथ डाउट काउंटर्स, वीकली व मंथली टेस्ट, मॉक टेस्ट, अनुशासित माहौल, ये सब मिलकर कोटा को बेस्ट बनाते हैं.

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कितने घंटे पढ़ाई?: टॉपर तनिष्का के मुताबिक वो रोजाना 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थीं. सफलता की कुंजी मेहनत को बताती हैं. कहती हैं- नीट स्टूडेंट्स अंतिम समय में नहीं, बल्कि पहले दिन से ही लक्ष्य की तैयारी करें. क्लासरूम में कोर्स आगे बढ़ने के साथ ही पिछला पढ़ा हुआ भी रिवाइज करना जरूरी है . टॉपिकवाइज छोटे-छोटे नोट्स बनाना भी मददगार साबित होता है.

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