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भाई दूज पर शुभ मुहूर्त में करें टीका, जानें पूजा की विधि

भाई दूज भी राखी जैसा ही पर्व होता है, लेकिन इसमें भाई के हाथों में राखी नहीं बांधी जाती है. हालांकि, इस पर्व में भी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं. जबकि बहन अपने भाई की सलामती की दुआ मांगती हैं.

आज मनाया जा रहा भाई दूज
आज मनाया जा रहा भाई दूज
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Published : Nov 6, 2021, 8:20 AM IST

पटना: भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक भैया दूज (Bhai Dooj 2021 In Bihar) त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक (Tilak) लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं. इस मौके पर भाई भी अपनी बहनों को कुछ न कुछ उपहार देकर अपना स्‍नेह जाह‍िर करते हैं. भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 6 नवंबर को मनाया जा रहा है. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. आइए जानते हैं इस बार भाई दूज का शुभ मुहूर्त और भाई को तिलक करने का सही समय क्या है.

यह भी पढ़ें - भाई की मौत की कामना के बाद भटकैया के कांटे से जीभ दागती हैं बहनें, फिर लंबी उम्र की मांगती हैं दुआएं

दीपावली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस से शुरू होता है जो छोटी दीपावली, दीपावली,गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज पर समाप्त होता है. भाई दूज भी राखी जैसा ही पर्व होता है. लेकिन, इसमें भाई के हाथों में राखी नहीं बांधी जाती है. हालांकि, इस पर्व में भी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं. जबकि बहन अपने भाई की सलामती की दुआ मांगती हैं.

आचार्य कमल दुबे

भाई दूज का त्योहार शुभ मुहूर्त में मनाने से लाभ होता है. जबकि राहुकाल में भाई को तिलक करने से बचना चाहिए. भाई दूज की द्वितीय तिथि 5 नवंबर को रात्रि 11:14 से प्रारंभ होगी, जो 6 नवंबर को शाम 7:44 तक बनी रहेगी. इस दिन भाइयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से लेकर 3:21 तक रहेगा. यानी तिलक करने का शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल-माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है.

आचार्य कमल दुबे बताते हैं कि बहनें सुबह स्नान करने के बाद अपने इष्ट देव भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करें. इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पत्ते सुपारी और चांदी का सिक्का रखती हैं. फिर उनके हाथ पर कलावा बांधकर जल डालती हुए भाई की दीर्घायु के लिए मंत्र पढ़ते हैं. कहीं-कहीं बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाई पर कलावा बांधती हैं. फिर वही भाई का माखन मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाते हैं और अंत में उनकी आरती उतारती हैं. इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की प्रसन्न होकर यमराज ने बहन जमुना से वर मांगने को कहा. यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उससे आपका भय नहीं रहेगा. यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई.

आइए अब आपको बताते हैं राशि के अनुरूप भाई अपने बहनों को क्या उपहार दें कि उनके लिए पूरा साल शुभ बना रहेगा.

  • मेष राशि के जातक अपनी बहन को लाल वस्त्र और फल में सेब अर्पित करें तो उनके लिए अच्छा रहेगा.
  • वृषभ राशि के लोग आसमानी कलर का कपड़ा और फल में अकेला अर्पित करें तो उनके लिए शुभ रहेगा.
  • मिथुन राशि के जातक अपनी बहन को हरे रंग का वस्त्र और फल में अमरूद अर्पित करें.
  • कर्क राशि के जातक अपनी बहन को हल्के आसमानी कलर का वस्त्र और मिठाई में सफेद मिठाई अर्पित करें.
  • सिंह राशि के जातक अपनी बहन को मेहरून कलर का वस्त्र और फल में सेव अर्पित करें.
  • कन्या राशि के जातक उपहार में हरा वस्त्र और फल में अमरुद अर्पित करें.
  • तुला राशि के जातक अपने बहन को उपहार में आसमानी रंग का वस्त्र और सफेद मिठाई अर्पित करें.
  • वृश्चिक राशि के जातक अपने बहन को उपहार में लाल वस्त्र और फल में सेव अर्पित करें.
  • धनु राशि के जातक अपने बहन को उपहार में पीले रंग का वस्त्र और फल में केला अर्पित करें.
  • मकर व कुंभ राशि के जातक अपनी बहन को उपहार में नीला वस्त्र और 2 किलो सिंघाड़ा अर्पित करें.
  • मीन राशि के जातक अपने बहन को उपहार में पीला वस्त्र और फल में केला अर्पित करें.

पटना: भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक भैया दूज (Bhai Dooj 2021 In Bihar) त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक (Tilak) लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं. इस मौके पर भाई भी अपनी बहनों को कुछ न कुछ उपहार देकर अपना स्‍नेह जाह‍िर करते हैं. भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 6 नवंबर को मनाया जा रहा है. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. आइए जानते हैं इस बार भाई दूज का शुभ मुहूर्त और भाई को तिलक करने का सही समय क्या है.

यह भी पढ़ें - भाई की मौत की कामना के बाद भटकैया के कांटे से जीभ दागती हैं बहनें, फिर लंबी उम्र की मांगती हैं दुआएं

दीपावली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस से शुरू होता है जो छोटी दीपावली, दीपावली,गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज पर समाप्त होता है. भाई दूज भी राखी जैसा ही पर्व होता है. लेकिन, इसमें भाई के हाथों में राखी नहीं बांधी जाती है. हालांकि, इस पर्व में भी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं. जबकि बहन अपने भाई की सलामती की दुआ मांगती हैं.

आचार्य कमल दुबे

भाई दूज का त्योहार शुभ मुहूर्त में मनाने से लाभ होता है. जबकि राहुकाल में भाई को तिलक करने से बचना चाहिए. भाई दूज की द्वितीय तिथि 5 नवंबर को रात्रि 11:14 से प्रारंभ होगी, जो 6 नवंबर को शाम 7:44 तक बनी रहेगी. इस दिन भाइयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से लेकर 3:21 तक रहेगा. यानी तिलक करने का शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल-माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है.

आचार्य कमल दुबे बताते हैं कि बहनें सुबह स्नान करने के बाद अपने इष्ट देव भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करें. इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पत्ते सुपारी और चांदी का सिक्का रखती हैं. फिर उनके हाथ पर कलावा बांधकर जल डालती हुए भाई की दीर्घायु के लिए मंत्र पढ़ते हैं. कहीं-कहीं बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाई पर कलावा बांधती हैं. फिर वही भाई का माखन मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाते हैं और अंत में उनकी आरती उतारती हैं. इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की प्रसन्न होकर यमराज ने बहन जमुना से वर मांगने को कहा. यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उससे आपका भय नहीं रहेगा. यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई.

आइए अब आपको बताते हैं राशि के अनुरूप भाई अपने बहनों को क्या उपहार दें कि उनके लिए पूरा साल शुभ बना रहेगा.

  • मेष राशि के जातक अपनी बहन को लाल वस्त्र और फल में सेब अर्पित करें तो उनके लिए अच्छा रहेगा.
  • वृषभ राशि के लोग आसमानी कलर का कपड़ा और फल में अकेला अर्पित करें तो उनके लिए शुभ रहेगा.
  • मिथुन राशि के जातक अपनी बहन को हरे रंग का वस्त्र और फल में अमरूद अर्पित करें.
  • कर्क राशि के जातक अपनी बहन को हल्के आसमानी कलर का वस्त्र और मिठाई में सफेद मिठाई अर्पित करें.
  • सिंह राशि के जातक अपनी बहन को मेहरून कलर का वस्त्र और फल में सेव अर्पित करें.
  • कन्या राशि के जातक उपहार में हरा वस्त्र और फल में अमरुद अर्पित करें.
  • तुला राशि के जातक अपने बहन को उपहार में आसमानी रंग का वस्त्र और सफेद मिठाई अर्पित करें.
  • वृश्चिक राशि के जातक अपने बहन को उपहार में लाल वस्त्र और फल में सेव अर्पित करें.
  • धनु राशि के जातक अपने बहन को उपहार में पीले रंग का वस्त्र और फल में केला अर्पित करें.
  • मकर व कुंभ राशि के जातक अपनी बहन को उपहार में नीला वस्त्र और 2 किलो सिंघाड़ा अर्पित करें.
  • मीन राशि के जातक अपने बहन को उपहार में पीला वस्त्र और फल में केला अर्पित करें.
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