रांची: झारखंड की हेमंत सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं. सरकार के लिए दो साल का कार्यकाल कैसा रहा, इन दो सालों में सरकार की क्या उपलब्धियां रही, आने वाले समय में सरकार की क्या कार्य योजनाएं हैं, इन सबपर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश सिंह के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुलकर बातचीत की. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोविड के कारण पिछले दो साल चुनौतियों से भरे रहे. इन दो सालों में हमने कई कार्य योजनाएं धरातल पर उतारें हैं.
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम रहा सफल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की बड़ी आबादी गांवों में रहती है. पिछली सरकार ब्लॉक और शहरों से काम करती थी, लेकिन हमारी पूरी सरकार पंचायतों और गांवों में है. सभी जनप्रतिनिधि चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के, सभी सरकार की कार्ययोजनाओं के साथ खड़े हैं. गांव में इसे लेकर उत्साह भी है. पहले जो लोग सोच भी नहीं सकते थे, आज उनके पास है. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान पूरे राज्य से 30-35 लाख आवेदन मिले. जिसमें से 20-25 लाख आवेदनों का ऑन द स्पॉट निपटारा भी किया गया. इस कार्यक्रम में कुछ गड़बड़ियों की शिकायतें भी आई. उस पर की काम किया जा रहा है.
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पर फोकस
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यूनिवर्सल पेंशन योजना लाने का मन मैने बहुत पहले 2012-13 में ही बना लिया था. मेरे लिए चैलेंज था कि कैसे हम लोगों तक मदद पहुंचा पाएं. मेरा अनुभव रहा है कि जिस राज्य में लोगों के पास तन ढकने के लिए कपड़े ना हो, जिस राज्य के लोगों के पास खाने के लिए अन्न ना हो, जिस राज्य में लोगों के पास इलाज के लिए पैसे न हो, तो ऐसे राज्य का विकास कैसे संभव है. जब तक लोगों के चेहरे पर मुस्कान नहीं आएगी. तब तक राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है. यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के साथ-साथ अभी आने वाले दिनों में हम इस तरह के कई स्कीम लाने वाले हैं. युवाओं के लिए बहुत कुछ करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य हम लेकर चल रहे हैं, उसका लाभ आने वाली कई पीढ़ियों को मिलेगा. हम लॉन्ग टर्म प्लान के साथ काम कर रहे हैं. हमने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए संसाधन भी जुटाए हैं. अगर लोगों को सुविधा देना है तो संसाधन भी जुटाना होगा.
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सीएम हेमंत का विपक्ष पर हमला
उन्होंने कहा कि झारखंड गुजरात में बैठ कर नहीं चल सकता है. झारखंड, झारखंड से ही चल सकता है. विपक्ष अपनी भूमिका अदा करने में फेल है. विपक्ष के पास कोई अपना नेता ही नहीं है. बोरो प्लेयर से काम चला रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं, जो गरीब और पिछड़ों का शोषण करते हैं, ये लोग नहीं चाहते हैं कि गरीब और पिछड़े लोग आगे आएं. इनके बड़े बड़े नेता गरीबों के घर में खाना खाते हैं. इनको अब प्रूफ करना पड़ता है कि ये गरीब और पिछड़ों के साथ हैं. हमें इसकी क्यों जरूरत नहीं पड़ती है. समाज के बीच में जहर घोलने में इनको डिग्री प्राप्त है. आग लगाने में इनसे आगे देश में कोई नहीं है.
नमाज कक्ष और मॉब लिंचिंग पर विपक्ष को जवाब
मॉब लिंचिंग कानून पर विपक्षों के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मॉब लिंचिंग कानून में तुष्टिकरण की कहां से बू आती है. कानून सबके लिए बराबर है. आप को डर किस बात का है, अगर कोई कुछ नहीं करेगा तो कानून कागज में बंद रहेगा. अगर कोई कुछ करेगा तो वो जेल में बंद होगा. मॉब लिंचिंग में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं मारे गए हैं, हिंदू और आदिवासी भी मारे गए हैं. अब देश का किसान, आदिवासी, पिछड़े वर्गे के लोग इनको समझने लगे हैं. इनकी नीतियों को समझने लगे हैं, किसानों ने इन्हें बहुत बड़ा झटका दिया है.
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बेटियों की शादी की उम्र सीमा पर सीएम की राय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मनोवैज्ञिनक खेल खेलने में मास्टर है. लोग उनके षडयंत्र को समझ न पाए इसके लिए समय समय पर कुछ करते रहते हैं. इसी में से एक है बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाना. जहां पढ़े लिखे लोग हैं वहां भी आज 21-22 साल में शादियां होती है. क्या ये डंडे की चोट पर देश को चलाएंगे. उन्होंने पूछा कि ये कानून किसके लिए बना है. पढ़े लिखे लोगों के लिए या जो अशिक्षित हैं उनके लिए?
कोरोना के लिए सीएम की अपील
कोरोना को लेकर सीएम ने कहा कि संक्रमण हमारे साथ-साथ चल रहा है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसका ना तो कोई इलाज है, ना कोई दवा. सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन जारी होती है लोग उसका पालने करें. यही हम अपील करना चाहते हैं. सावधानी हटी दुर्घटना घटी.