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ED का कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को दो टूक, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अधिकारी को जारी समन का कारण नहीं पूछ सकती राज्य सरकार

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2024, 3:59 PM IST

Dispute between Jharkhand government and ED. ईडी ने झारखंड के कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को दो टूक जवाब दे दिया है. ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अधिकारी को जारी समन का कारण राज्य सरकार नहीं पूछ सकती है.

Dispute between Jharkhand government and ED
Dispute between Jharkhand government and ED

रांची: ईडी की हालिया कार्रवाई के जवाब में हेमंत कैबिनेट के एक फैसले पर प्रवर्तन निदेशालय ने साफ कर दिया है कि किसी भी राज्य सरकार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के अफसर के खिलाफ जारी समन का कारण पूछने का अधिकार नहीं है. कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को ईडी की ओर से बताया गया है कि राज्य सरकार समन की सूचना और कारण नहीं पूछ सकती है.

दरअसल, पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आई थी कि कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखा था. उन्होंने एजेंसी से जानकारी मांगी थी कि राज्य सरकार के अधिकारियों को जारी समन के कारणों को स्पष्ट करें. यह बताएं कि जिस अधिकारी को समन जारी हुआ है उनपर क्या आरोप हैं और उनके खिलाफ क्या साक्ष्य हैं. यह भी बताएं कि किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.

कैबिनेट सचिव ने पिछले दिनों कैबिनेट में लिए गये फैसले का हवाला देते हुए ईडी को पत्र लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि राज्य सरकार की अनुमति के बगैर कोई भी अधिकारी एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए नहीं जाएंगे. इसी आधार पर पिछले दिनों साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव ईडी दफ्तर नहीं गये थे.

दरअसल, पिछले दिनों साहिबगंज में हुए अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी की टीम ने डीसी रामनिवास यादव के आवास समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. उसके बाद उन्हें समन जारी कर रांची स्थिति प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन वह नहीं आए. पत्र के बाद कैबिनेट सचिव वंदना दादेल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था.

16 जनवरी को मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद को ईडी ने समन जारी कर बुलाया था. लेकिन वह भी एजेंसी के दफ्तर नहीं आए थे. उनके नहीं जाने का कारण पूछने पर झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कैबिनेट के फैसले का हवाला दिया था. आपको बता दें कि मनरेगा, अवैध पत्थर खनन और दस्तावेज में हेराफेरी कर जमीन की खरीद बिक्री में हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीनियर आईएएस पूजा सिंघल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन समेत कई कारोबारी और जमीन माफिया होटवार जेल में बंद हैं.

इन मामलों में ईडी की लगातार कार्रवाई चल रही है. लेकिन इसी बीच कैबिनेट के फैसले के बाद चर्चा शुरु हो गई थी कि अब ईडी का स्टैंड क्या होगा. इसको एजेंसी ने साफ कर दिया है. खास बात है कि लैंड स्कैम मामले में सात समन जारी होने के बाद जब ईडी ने आठवीं बार सीएम को पत्र भेजा तब उन्होंने हामी भरते हुए कहा कि 20 जनवरी को ईडी की टीम उनके आवास पर आकर उनका बयान ले सकती है.

सीएम के इस स्टैंड के बाद राजनीतिक गलियारे में कयासों का बाजार गर्म है. दूसरी तरफ आज ही ईडी की कार्रवाई के विरोध में झामुमो कार्यकर्ताओं ने साहिबगंज बंद बुलाया है. वहीं पार्टी के महासचिव ने कल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कह दिया था कि एजेंसी अपनी मर्यादा का ख्याल रखे. जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, उससे आम ग्रामीण आक्रोशित हैं. कहीं ये वीभत्स रुप ना ले ले.

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दरअसल, पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आई थी कि कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखा था. उन्होंने एजेंसी से जानकारी मांगी थी कि राज्य सरकार के अधिकारियों को जारी समन के कारणों को स्पष्ट करें. यह बताएं कि जिस अधिकारी को समन जारी हुआ है उनपर क्या आरोप हैं और उनके खिलाफ क्या साक्ष्य हैं. यह भी बताएं कि किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.

कैबिनेट सचिव ने पिछले दिनों कैबिनेट में लिए गये फैसले का हवाला देते हुए ईडी को पत्र लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि राज्य सरकार की अनुमति के बगैर कोई भी अधिकारी एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए नहीं जाएंगे. इसी आधार पर पिछले दिनों साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव ईडी दफ्तर नहीं गये थे.

दरअसल, पिछले दिनों साहिबगंज में हुए अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी की टीम ने डीसी रामनिवास यादव के आवास समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. उसके बाद उन्हें समन जारी कर रांची स्थिति प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन वह नहीं आए. पत्र के बाद कैबिनेट सचिव वंदना दादेल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था.

16 जनवरी को मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद को ईडी ने समन जारी कर बुलाया था. लेकिन वह भी एजेंसी के दफ्तर नहीं आए थे. उनके नहीं जाने का कारण पूछने पर झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कैबिनेट के फैसले का हवाला दिया था. आपको बता दें कि मनरेगा, अवैध पत्थर खनन और दस्तावेज में हेराफेरी कर जमीन की खरीद बिक्री में हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीनियर आईएएस पूजा सिंघल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन समेत कई कारोबारी और जमीन माफिया होटवार जेल में बंद हैं.

इन मामलों में ईडी की लगातार कार्रवाई चल रही है. लेकिन इसी बीच कैबिनेट के फैसले के बाद चर्चा शुरु हो गई थी कि अब ईडी का स्टैंड क्या होगा. इसको एजेंसी ने साफ कर दिया है. खास बात है कि लैंड स्कैम मामले में सात समन जारी होने के बाद जब ईडी ने आठवीं बार सीएम को पत्र भेजा तब उन्होंने हामी भरते हुए कहा कि 20 जनवरी को ईडी की टीम उनके आवास पर आकर उनका बयान ले सकती है.

सीएम के इस स्टैंड के बाद राजनीतिक गलियारे में कयासों का बाजार गर्म है. दूसरी तरफ आज ही ईडी की कार्रवाई के विरोध में झामुमो कार्यकर्ताओं ने साहिबगंज बंद बुलाया है. वहीं पार्टी के महासचिव ने कल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कह दिया था कि एजेंसी अपनी मर्यादा का ख्याल रखे. जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, उससे आम ग्रामीण आक्रोशित हैं. कहीं ये वीभत्स रुप ना ले ले.

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